सुशासन तिहार का समापन : सीएम साय बोले, “जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार, दोषियों को करेंगे दण्डित”

रायपुर :  8 अप्रैल से शुरू हुए सुशासन तिहार का समापन हो गया। समापन के बाद वरिष्ठ पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि 40 लाख से अधिक आवेदन आए थे। उनमें से 95 फीसदी का निराकरण कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश के 33 जिलों का भ्रमण किया। गांवों में जन चौपाल लगाकर, लोगों से सीधा संवाद किया, उनकी समस्याओं को समझा और समाधान सुनिश्चित किया। यह अनुभव मेरे जीवन की मूल्यवान थाती है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पत्रकारों से औपचारिक चर्चा करते हुए प्रदेश के जुड़े मुद्दों पर बात की। नक्सलवाद पर उन्होंने कहा कि जिस तरह अभियान चल रहा है उससे लगता है कि मार्च 2026 से पहले ही नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। नक्सलियों के साथ शांति वार्ता पर उन्होंने दो ट्रक कहा-किसने रोका है? हम चर्चा चाहते हैं लेकिन किससे करें? सरकार हमेशा शांति चाहती है। लेकिन नक्सली केवल पत्र लिखते हैं, शांति की पहल नहीं करते। अगर वे हथियार डालकर वार्ता करें तो जरूर करेंगे। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के समाप्त होने के बाद सरकार की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। जहां दशकों से विकास नहीं पहुंचा है वहां स्कूल, कालेज, अस्पताल, आंगनबाड़ी खोलने होंगे। यह हमारे लिए बड़ी चुनौती है। इस पर अभी से योजना बना रहे हैं।

पीएम आवास इतने बन रहे हैं कि रेजा कुली नहीं मिल रहे

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में जिन 18 लाख गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित किया गया था, उनकी चिंता करते हुए हमारी सरकार ने पहली ही कैबिनेट में इन सभी आवासों को स्वीकृति दी। अब तक लाखों हितग्राहियों को गृहप्रवेश कराया जा चुका है। अगले साल केंद्र सरकार और मकान स्वीकृत करेगी। वर्तमान में इतने मकान बन रहे हैं कि गांव में रेजा-कुली और कारीगर नहीं मिल रहे। हमने वादा किया है हर एक आवेदक को मकान देंगे।

5,000 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति

सीएम साय ने बताया कि, रोजगार देने की दिशा में काम कर रहे हैं। प्रथम चरण में 5,000 शिक्षकों की भर्ती होगी। इस निर्णय से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन-अध्यापन व्यवस्था को गति मिलेगी और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर विभागीय स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया राज्य में शुरू कर दी गई है। इसके पूरा होने के बाद शिक्षकों के रिक्त पदों का आकलन कर नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

जहां ज्यादा शिक्षक, वहां से शिक्षकविहीन स्कूलों में भेजा जाएगा

युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं लेकिन छात्र नहीं, वहां से शिक्षकों को निकालकर उन स्कूलों में भेजा जा रहा है, जहां शिक्षक नहीं हैं। इससे शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की समस्या दूर होगी। स्कूल संचालन का खर्च भी कम होगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। एक ही परिसर में ज्यादा कक्षाएं और सुविधाएं मिलने से बच्चों को बार-बार एडमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी। यानी एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित होंगे तो प्राथमिक कक्षाएं पास करने के बाद विद्यार्थियों को आगे की कक्षाओं में एडमिशन कराने की प्रक्रिया से छुटकारा मिल जाएगा।

केवल 166 स्कूलों का समायोजन

शालाओं के युक्तियुक्तकरण के तहत राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा। इन 166 स्कूलों में से ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल संचालित है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 33 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें दर्ज संख्या 30 से कम हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचातित है।

धान का बोनस देते रहेंगे

धान का बोनस देने और उसका असर राजस्व पड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मोदी की गारंटी है और मोदी की गारंटी को हर हाल में पूरा करते रहेंगे। किसानों को बोनस दिया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार राजस्व में वृद्धि के रास्ते खोज रही है। अलग-अलग तरीकों से राजस्व बढ़ भी रहा है। राजस्व बढ़ेगा तो विकास कार्य नहीं रुकेंगे। धान का बोनस भी देते रहेंगे और छत्तीसगढ़ में विकास की रफ्तार बढ़ाएंगे।

जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार हुआ

श्री साय ने माना कि सुशासन तिहार में जल जीवन मिशन को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जमकर भ्रष्टाचार किया। कई गांव ऐसे हैं जहां टंकी खड़ी है, नल लग गए हैं लेकिन टॉटियों से पानी नहीं आता। बोर में पानी नहीं है लेकिन टंकी बना दी गई। अब उसका ग्रामीण क्या करें? अब ऐसे गांवों में पानी पहुंचाने की योजना बना रहे हैं। जिन्होंने भ्रष्टाचार किया उन्हें भी दंडित करेंगे

राशन वितरण को लेकर शिकायतें नहीं

उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार जब प्रारंभ हो रहा था तब राशन वितरण को लेकर तमाम शंकाएं थीं, पता नहीं किस तरह की शिकायतों का सामना करना पड़ेगा। लाखों परिवारों से जुड़ा विषय है। कितनी शिकायतें आएंगी। लेकिन मुझे सुकून है कि प्रदेशभर में कहीं भी राशन को लेकर कोई शिकायत नहीं आई।

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