केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दिया कोई फैसला, बिना आदेश दिए उठी बेंच

नई दिल्ली : दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई, लेकिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच बिना कोई आदेश दिए उठ गई। अब सुप्रीम कोर्ट बेंच गुरुवार या फिर अगले हफ्ते केजरीवाल की याचिका पर आदेश पारित कर सकती है। केजरीवाल ने कोर्ट में अंतरिम जमानत देने की मांग की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए 3 मई को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है ताकि वे चुनाव प्रचार में शामिल हो सकें।

ईडी ने किया केजरीवाल की जमानत का विरोध

मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि अरविंद केजरीवाल साल 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान 7 स्टार ग्रैंड हयात होटल में ठहरे थे और होटल के बिल का भुगतान चनप्रीत सिंह द्वारा किया गया था। चनप्रीत सिंह पर आरोप है कि गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए उन्हें ही कथित तौर पर फंड मिला था। ईडी के वकील एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ‘यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है। हम इस मामले में हो रही राजनीति को लेकर चिंतित नहीं हैं, लेकिन हमारी चिंता सबूतों को लेकर है।

शुरुआत में अरविंद केजरीवाल पर हमारा फोकस नहीं था और न ही ईडी केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई का विचार कर रही थी, लेकिन जैसे जैसे जांच आगे बढ़ी तो केजरीवाल की भूमिका साफ हो गई।’ सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील सिंघवी से कहा कि अगर हम अंतरिम जमानत देते हैं तो केजरीवाल बतौर सीएम आधिकारिक काम नहीं कर पाएंगे क्योंकि इससे समस्या हो सकती है और हम सरकार के कामकाज में दखल नहीं देना चाहते।

सिंघवी बोले- केजरीवाल के खिलाफ सबूत नहीं

केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ईडी की तरफ से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें रखीं। केजरीवाल के वकील सिंघवी का कहना है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं और उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। जांच एजेंसी के सामने पेश न होना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। वहीं एसवी राजू का कहना है कि गिरफ्तारी का फैसला सिर्फ जांच अधिकारियों का ही नहीं था, बल्कि एक स्पेशल जज द्वारा भी इसका फैसला लिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button