सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हल्द्वानी में तोड़फोड़ की कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी। शीर्ष अदालत के फैसले से यहां रहने वाले करीब 50,000 लोगों को राहत मिली है। 8 जनवरी को यहां 4,365 घर तोड़े जाने थे, रेलवे का दावा है कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में उसकी 78 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। रेलवे की जमीन पर 4365 कच्चे-पक्के मकान बने हैं। हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को रेलवे की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। इधर स्थानीय लोगों का कहना है कि वे 50 साल से भी अधिक समय से यहां रह रहे हैं। उन्हें वोटर कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बिजली, पानी, सड़क, स्कूल आदि सभी सुविधाएं भी सरकारों ने ही दी हैं। वे नगर निगम को टैक्स भी देते हैं। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने रेलवे को 7 दिन में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।