भारतीय ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह सुख, सौभाग्य, सुंदरता, सद्भाव, विवाह, प्रेम, भोग-विलास का कारक माना जाता है। यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह बलवान स्थिति में है, तो उसके सुख, सौभाग्य, प्रेम, भोग-विलास सभी की प्राप्ति होती है। वहीं, कुंडली में शुक्र दोष के होने पर वैवाहिक जीवन में परेशानी, पारिवारिक जीवन में अशांति, यौन अंगों की कमजोरी, धन की हानि, सेहत से जुड़ी समस्याएं जन्म लेने लगती है। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह के दोषों की पहचान कर उनसे निजात पाने के उपाय बताए गए हैं।
शुक्र दोष के संकेत
1.कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर होने से व्यक्ति को जीवन में पैसों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दरिद्रता घर में वास करने लगती है।
2.शुक्र दोष होने की स्थिति में जातक का आकर्षण धीरे-धीरे कम होने लगता है। लोगों पर उसका प्रभाव कम हो जाता है।
3.शुक्र दोष के दौरान जातक साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखता है। उसके गंदगी में रहना और गंदे तरीके से रहना पसंद होता है।
4.शुक्र दोष में जातक को स्त्री सुख की प्राप्ति नहीं होती है। वैवाहिक जीवन में परेशानियां आने लगती है। प्रेम विवाह में भी अड़चन आती है।
5.शुक्र दोष या फिर शुक्र की स्थिति कमजोर होने से कामुकता धीरे- धीरे समाप्त होने लगती है।
6.शुक्र दोष होने पर गाल, ठुड्डी, नसों पर अधिक प्रभाव पड़ता है। त्वचा संबंधी समस्या, लीवर में दर्द, हाथ-पैर में तकलीफ की समस्याएं होने लगती है।
- कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर होने से जातक शराब, जुआ, धूम्रपान जैसी चीजों का आदी हो जाता है।
कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के उपाय
दान करें
कुंडली में शुक्र की स्थिति को मजबूत करने के लिए सफेद चीजें जैसे दही, दूध, पनीर, खीर, वस्त्र, चांदी, चावल आदि का दान करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
शुक्र मंत्रों का जाप करें
कुंडली में शुक्र की स्थिति को मजबूत करने के लिए रोजाना शुक्र बीज मंत्र “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का उच्चारण करना चाहिए। इसके अलावा आप चाहे, तो ॐ शुं शुक्राय नमः का जाप भी कर सकते हैं।