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MP News : जबलपुर में अजब मामला! मारपीट करने वालों ने क्रॉस केस में पीड़ित पर लगवा दी पॉक्सो, जानें कब लगता है ये एक्ट?

जबलपुर: पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान अजीब मामला सामने आया है। दरअसल, एक व्यक्ति ने अपने ऊपर लगे पास्को एक्ट की जांच वरिष्ठ अधिकारियों से कराने की मांग की है। ग्राम कठोंदा माढ़ोताल में रहने वाले कृष्ण कुमार पटेल ने पुलिस अधिकारियों को इस बारे में एक लिखित शिकायत दी है।

क्या है मामला

शिकायत में बताया गया है कि 28 जून की रात 11 बजे सूरतलाई में उसके साथ उमेश पटेल और उसके साथ कृष्ण पाल सिंह और अन्य लोगों ने मारपीट की है। कृष्ण पटेल ने शिकायत में आगे बताया कि उक्त लोगों ने उसकी गाडी में तोड़फोड़ करते हुए उसके पास रखे पैसे और अंगूठी लूट ली। इसकी शिकायत माढ़ोताल में दर्ज भी कराई गई है।

आरोपियों ने कर दी फर्जी शिकायत

आरोपियों को जब जानकारी लगी कि थाने में उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है तो उन्होंने दूसरे दिन कटंगी थाने में अपनी बच्ची को ले जाकर छेड़छाड़ की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी। कृष्ण कुमार पटेल ने बताया कि हाल ही में उसे पता चला, जब उसके घर कटंगी थाने की पुलिस आई, जबकि वो कृष्ण पाल की बच्ची को जानता भी नहीं है। कृष्ण कुमार पटेल ने बताया कि उसके खिलाफ कटंगी थाना में झूठी शिकायत दर्ज कराई गई है।

पीड़ित ने की निष्पक्ष जांच की मांग

परेशान पीड़ित व्यक्ति ने इस मामले की निष्पक्ष जांच उच्च अधिकारियों से कराने की मांग पुलिस अधिकारियों से की है। मौजूद पुलिस अधिकारियों ने शिकायतकर्ता को यह आश्वासन दिया है कि मामले की जांच कराई जायेगी।

क्या है ये एक्ट

पॉक्सो एक्ट को हिंदी में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम कहा जाता है। यह कानून 2012 में लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य नाबालिग बच्चों, विशेषकर लड़कियों, को यौन उत्पीड़न से बचाव और न्याय प्रदान करना था। हालांकि, यह कानून 18 वर्ष से कम आयु के लड़के और लड़कियों दोनों पर लागू होता है। पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न के दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। कानून में प्रारंभिक चरण में मौत की सजा नहीं थी, लेकिन समय के साथ इसमें संशोधन कर उम्रकैद जैसी सख्त सजा को शामिल किया गया। यह संशोधन विशेष रूप से गंभीर अपराधों के लिए किया गया है।

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