बालोद : जिले के अपराध के इतिहास में एक अनोखे मामले की चर्चा आज फिर से उभर कर सामने आई है। यह कोई फिल्मी स्टोरी से कम नहीं दरअसल एक पिता के आवेदन और एसडीएम के आदेश पर जिले के बालोद थाना क्षेत्र के ग्राम करकाभाट में छानबीन कर खुदाई प्रारंभ की गई। पुलिस विभाग एवं राजस्व अधिकारियों की निगरानी में हुई इस खुदाई में कुछ अवशेष मिले हैं।
दरअसल आज से ठीक 1 साल पहले एक व्यक्ति ने कहा था कि 2003 में मैंने अपने दोस्त को मारा था और आज उसकी आत्मा मुझे सताती है जो युवक टीकम कोलीयारा लापता था उसके पिता जगदीश कोलियारा ने मामले की छानबीन की मांग की थी जिस पर एसडीएम के आदेश और तहसीलदार की उपस्थिति में खुदाई हुई है।
दोस्त ने कहा, मैने कर दी थी हत्या
पूरी घटना कुछ इस तरह है कि बालोद थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करकभाट में रहने वाले टीकम कोलियार ने अचानक अपने परिवार और गांववालों को बताया कि 2003 में उसने गांव के युवक छवेश्वर गोयल की हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद में उसे गांव के पास जंगल में दफना दिया था। इस मामले की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर दो दिन तक खुदाई जरूर की लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा। पुलिस प्रशासन भी लगातार मामले की जांच में उस समय लगा था लेकिन कुछ दिनों बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
पांच हड्डियों के मिले अवशेष
पूरे मामले के विवेचक सहायक उपनिरीक्षक कांता राम ने बताया कि एसडीएम के आदेश पर खुदाई की गई है। हम वहां इस पाठ में मौजूद थे जगदीश गोली आरा के आवेदन पर यह कार्रवाई की गई हमने डैम साइड खुदाई की है जहां पर पांच हड्डियों के अवशेष मिले हैं और कपड़े मिले हैं। हालांकि इस बात की पुष्टि हम नहीं करते कि यह हड्डी मानव हड्डी है या फिर और कुछ। इन सब सैंपल्स को फॉरेंसिक लैब भेजने और वहां की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
सपने में सताता है मृतक युवक
मामले में युवक द्वारा यह कहा गया कि मृतक उसे सपने में आकर सताने लगा था, इस वजह से उसने इस पूरे मामले को बताया। वहीं इस घटना का कारण उसने बताया कि उसकी जो प्रेमिका थी जो वर्तमान में उसकी पत्नी है। उसका दोस्त उसे लगातार प्रताड़ित करता था तथा उसे शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश भी की थी। इस वजह से उसने गुस्से में आकर दोस्त छवेश्वर की हत्या कर दी थी।
युवक की मानसिक स्थिति खराब होने का हवाला
1 वर्ष पूर्व भी मामले को लेकर आसपास के क्षेत्रों में खुदाई शुरू कर दी गई थी यह किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है क्योंकि जिस युवक ने यह खुलासा किया था उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण खुदाई को बंद कर दिया गया और आरोपी को परिजनों को सौंप दिया गया था। पुलिस उसके ठीक होने का इंतजार कर रही थी। लेकिन पिता ने हार नहीं मानी उसने प्रत्येक जगहों पर अपने बेटे के लापता और मामले की छानबीन संबंधित आवेदन प्रस्तुत किए थे इसी के तहत दोबारा खुदाई की गई।