Site icon khabriram

Stock Market: शेयर बाज़ार में कल से होगी ये बड़ी बदलाव

शेयर बाजार (share market) में शुक्रवार यानी कल से बड़ा बदलाव होने वाला है। घरेलू शेयर बाजार शुक्रवार यानी कल से एक नये दौर में प्रवेश करने जा रहा है। इसमें अंतिम सूची में शामिल बड़ी कंपनियों के शेयरों की खरीद-बिक्री का निपटान सौदा होने के एक दिन बाद (टी प्लस 1) ही हो जाएगा। जिससे मार्जिन जरूरत ग्राहकों के लिये कम होगी और नकदी बढ़ेगी जिससे खुदरा निवेश बढ़ेगा।

एक दिन के अंदर में होगा निपटान

‘टी प्लस 1’ यानी ‘ट्रेड प्लस वन’ दर्शाता है कि बाजार में व्यापार संबंधित सौदों का निपटान कारोबार के बाद एक दिन के भीतर हो जाएगा। अभी तक घरेलू शेयर बाजार में खरीद-बिक्री का निपटान, सौदे के बाद दो कामकाजी दिन (टी प्लस 2) के भीतर में होता है।

इस व्यवस्था में 100 कंपनियां हुईं शामिल

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बीएसई ने नवंबर 2021 में एक संयुक्त बयान में कहा था कि वे “टी+1” निपटान प्रणाली शुरू करेंगे। यह 25 फरवरी, 2022 को शुरू हुआ। शुरुआत में, सबसे कम बाजार मूल्यांकन वाली 100 कंपनियां सिस्टम में शामिल हुईं। फिर, मार्च के आखिरी शुक्रवार को बाजार पूंजीकरण मानदंड के आधार पर 500 शेयरों को सूचीबद्ध किया गया। उसके बाद, हर महीने अतिरिक्त  अतिरिक्त शेयरों को शामिल किया जाता रहा।

जिरोधा ने जानकारी दर्ज की

27 जनवरी से घरेलू बाजार के इक्विटी कैश सेगमेंट में सभी सौदे अब ‘टी+1’ आधार पर होंगे, यानी उन्हें व्यापार के एक दिन के भीतर निपटा दिया जाएगा। स्टॉकब्रोकर कंपनी जिरोधा की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, स्टॉक, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ), बॉन्ड, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआईटी) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इनविट्स) सहित प्रतिभूतियों की अंतिम सूची शुक्रवार से “टी+1” सेटलमेंट के अनुसार हो जाएगी।

सेबी द्वारा उठाया गया बड़ा कदम

यह पहली बार नहीं है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने व्यापार निपटान चक्र को कम करने के लिए कदम उठाए हैं। इससे पहले, 2002 में बाजार नियामक ने निपटान समय को ‘T+5’ से घटाकर ‘T+3’ कर दिया था और फिर 2003 में इसे घटाकर ‘T+2’ किया गया।

जानिए एक्सपर्ट की राय

बाजार विशेषज्ञों का मानना ​​है कि “टी+1” निपटान प्रणाली के साथ, अगले दिन नकदी के लिए प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं होगी। अपसाइड एआई के सह-संस्थापक अतनु अग्रवाल ने कहा कि दुनिया भर के अधिकांश बाजार “टी प्लस 2” के आधार पर काम करते हैं। “T+1” सेटलमेंट सिस्टम से देश इस मामले में अमेरिका से आगे होगा।

निवेशकों के लिए सकारात्मक

उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है और भारतीय वित्तीय परिदृश्य में एक और उपलब्धि है। इस बदलाव से निश्चित रूप से नकदी का चलन बढ़ेगा। यह सभी पार्टियों, यानी जारीकर्ताओं, निवेशकों और बिचौलियों के लिए बहुत सकारात्मक है। इस व्यवस्था से मार्जिन आवश्यकता कम होगी और तरलता बढ़ेगी जिससे खुदरा निवेश बढ़ेगा।

Exit mobile version