नागपंचमी पर बन रहा विशेष संयोग, जानिए सही तारीख, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

हर साल सभी का सावन के महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है। सावन के महीने में ही नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है। नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। नागपंचमी हर साल श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव और नागों की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग नाग देवता की पूजा करते हैं और नाग मंदिरों में जाकर सांपों को दूध, दही, फल आदि चढ़ाते हैं। साथ ही कुंडली में काल सर्प दोष हो तो उससे निजात पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं।

नागपंचमी कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त 12:21 से शुरू होगी और 22 अगस्त की मध्य रात्रि 2 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार नागपंचमी 21 अगस्त सोमवार को मनाई जाएगी। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। नाग देवता भी शिव जी के भक्त हैं। इस तरह नागपंचमी का सोमवार के दिन पड़ना काफी शुभ माना जा रहा है।

सोमवार के दिन पड़ रही है नागपंचमी

नागपंचमी के दिन नाग देवता और शिव जी की पूजा करने से नाग के डसने और अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा करने से ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है। विशेष तौर पर काल सर्प दोष से निजात पाना चाहते हैं तो नागपंचमी आपके लिए एक उत्तम दिन है। सोमवार के दिन नागपंचमी पड़ने से ये दिन और भी ज्यादा शुभ हो गया है।

नागपंचमी पर कौन से उपाय करें?

नागों को धन का रक्षक माना गया है। नाग देवता की पूजा करने से सुख-समृद्धि के साथ-साथ धन की प्राप्ति भी होती है।

नागपंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर भगवान शिव का स्मरण करें। यदि आप नागपंचमी का व्रत कर रहे हैं तो व्रत का संकल्प लें।

इसके बाद चौकी पर नाग-नागिन की प्रतिमा बनाकर उसका दूध से अभिषेक करें। उन्हें फल, फूल और मिठाइयां अर्पित करें। धूप-दीप करें।

अंत में नाग पंचमी की आरती करें। यदि आपकी कुंडली में काल सर्प दोष हो तो शिवलिंग पर चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा अर्पित करें। इससे काल सर्प दोष से मिलने वाले अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button