शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2017 लागू : अब कर्मचारियों से 9 घंटे से ज्यादा नहीं करा सकते काम, पुराना गुमास्ता लाइसेंस सिस्टम भी खत्म

रायपुर : छत्तीसगढ़ में शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2017 (दुकान एवं स्थापना अधिनियम 2017) लागू हो गया है। इसी के साथ ही शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 1958 को निरस्त कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद अब जिन संस्थानों में 10 या ज्यादा कर्मचारी हैं, उन्हें लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर (LIN) लेना अनिवार्य होगा। पहले नगर निगम से गुमास्ता जारी होता था, लेकिन अब LIN श्रम विभाग से ऑनलाइन जारी होगा। वहीं, 10 से कम कर्मचारी वाले संस्थानों को LIN या गुमास्ता लेने की जरूरत नहीं होगी।
बता दें कि शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2017 में कर्मचारी के हितों को ध्यान में रखा गया है। नियोक्ता अब अपने कर्मचारियों से सिर्फ 9 घंटे ही काम करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें पहले लेबर डिपार्टमेंट से अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही ओवरटाइम का दोगुना भुगतान नियोक्ता को करना होगा।
इस नए अधिनियम में पंजीकृत होने से आपको LIN (लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर) अलॉट होगा। अर्थात जिस प्रकार से आप अपने साइन बोर्ड में जीएसटी नंबर लिखते हैं, उसी प्रकार से आपको लीन नंबर भी लिखना होगा और अब आप अपने दुकान को हफ्ते के 7 दिन 24 घंटे खोल सकते हैं। लेकिन अपने किसी कर्मचारी से एक दिन में अधिकतम 9 घंटे काम ले सकते हैं। उसमें एक घंटा लंच के लिए छुट्टी देनी होगी और सप्ताह में एक दिन अवकाश देना अनिवार्य है। अगर आप इससे अधिक काम लेते हैं तो उसे ओवरटाइम माना जाएगा। सप्ताह में अधिकतम 12 घंटे ओवरटाइम ले सकते हैं और 3 महीने में अधिकतम 125 घंटे ओवरटाइम ले सकते हैं। जिसका भुगतान आपको डबल रेट से करना होगा। और यदि आपने छुट्टी के दिन भी अपने कर्मचारी को बुला लिया तो वह किसी आने वाले 30 दिनों में फिर से उसे छुट्टी देनी होगी और भुगतान भी डबल रेट से देना होगा।
जानिए कहां लागू होगा नया एक्ट
नए एक्ट के मुताबिक, ऐसे एनजीओ जो वृद्धाश्रम, अनाथाश्रम या नशामुक्ति केंद्र चला रहे हों, साथ ही अस्पतालों और क्लीनिक के लिए भी अनिवार्य नहीं रहेगा। नए एक्ट के तहत LIN की जरूरत सरकारी को छोड़कर अधिकांश कॉर्पोरेट संस्थानों, होटल-रेस्तरां, गोदाम तथा ऐसे किसी भी तरह के ऑफिस पर लागू होगी, जहां 10 या अधिक कर्मचारी हैं। जिन कार्यालयों में 8 कर्मचारी, एक सुपरवाइजर और एक मैनेजर हैं, वहां भी LIN की जरूरत नहीं होगी।
13 अगस्त के बाद पंजीकरण पर देनी होगी लेट फीस
छत्तीसगढ़ में शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2017 फ़रवरी 2025 से लागू हो गया है। अगर कोई संस्था 13 अगस्त 2025 के बाद पंजीकरण कराते हैं या कोई नया संस्थान पंजीकृत होता है, तो उसे निर्धारित शुल्क के साथ 25% लेट फीस भी देनी होगी। शुल्क की राशि आपके संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या पर निर्भर है।
जानिए किसे कितना देना होगा शुल्क
10 से 50 कर्मचारी – ₹1,000 शुल्क
51 से 100 कर्मचारी – ₹3,000 शुल्क
101 से 200 कर्मचारी – ₹5,000 शुल्क
201 से 500 कर्मचारी – ₹7,000 शुल्क
500 से अधिक कर्मचारी – ₹10,000 शुल्क