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मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट से झटका, जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार

नई दिल्ली : मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की डीएमके सरकार में मंत्री रहे सेंथिल बालाजी को एक बार फिर झटका लगा है। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

गौरतलब है, शीर्ष अदालत मद्रास उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर बालाजी की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने करीब एक महीने पहले, बीते 19 अक्तूबर को बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय का मानना है कि जमानत मिलने पर वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। जमानत की अपील पर संक्षिप्त सुनवाई के दौरान 20 नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने बालाजी के वकील को नवीनतम मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।  साथ ही सुनवाई के लिए आज यानी 28 नवंबर की तारीख तय की थी।

तमिलनाडु वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील पर न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की पीठ में सुनवाई हुई। पीठ ने स्वास्थ्य रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कहा कि बालाजी का स्वास्थ्य ठीक है, कुछ गंभीर नहीं है। साथ ही उन्हें नियमित जमानत के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने की छूट दी। पीठ ने कहा कि अंतरिम आदेश में की गई कोई भी टिप्पणी नियमित जमानत याचिका दायर करने में याचिकाकर्ता के आड़े नहीं आएगी।

यह है मामला 

बता दें कि सेंथिल बालाजी को करीब पांच महीने पहले गिरफ्तार किया था। बीते 14 जून को ईडी ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बालाजी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के समय खूब ड्रामा भी हुआ था। बालाजी के रोने की तस्वीरें भी वायरल हुई थीं। गिरफ्तारी के बाद ईडी की गिरफ्त में ही उनका इलाज भी कराया गया। बालाजी पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक शासन के दौरान परिवहन मंत्री भी रह चुके थे।

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