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राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में नहीं शामिल होगी शिवसेना UBT, थरूर बोले- लोगों को खुद फैसला लेने दें

shivsena

नई दिल्ली : पवित्र नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसी ऐतिहासिक दिन को नवनिर्मित मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सियासत से लेकर खेल और अध्यात्म से जुड़ी तमाम हस्तियों को भी कार्यक्रम में आने का निमंत्रण मिला है। हालांकि, विपक्ष के कुछ नेताओं ने न्योते को अस्वीकार कर दिया है तो वहीं कुछ समारोह में भाग लेने को लेकर असमंजस में दिख रहे हैं।

उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के नेता संजय राउत का कहना है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए नहीं जाएंगे। हालांकि, वहीं कांग्रेस के सासंद शशि थरूर का कहना है कि समारोह में जाने और न जाने का फैसला व्यक्तिगत होना चाहिए। हर किसी को खुद निर्णय लेने देना चाहिए की उन्हें समारोह में जाना है या नहीं।

यह कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं

उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के सांसद राउत ने केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘उनके पास एक विज्ञापन प्रणाली है जिसके अनुसार वे काम करते हैं। वे चीजों का विज्ञापन करने में बहुत अच्छे हैं। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन समारोह करना बेरोजगारी, महंगाई, कश्मीर और मणिपुर जैसे वास्तविक मुद्दों से देश के लोगों को भटकाने का एक तरीका है। यह सब राजनीति है, भाजपा के कार्यक्रम में कौन शामिल होना चाहता है? यह कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं है। यह भाजपा का कार्यक्रम है। यह भाजपा की रैली है। उसमे पवित्रता कहां है? राउत ने कहा कि भाजपा का कार्यक्रम खत्म होने के बाद हम अयोध्या जाएंगे।

भगवान श्री राम का अपहरण

राउत ने आगे कहा कि शिवसेना ने राम मंदिर आंदोलन के लिए खून दिया है। बालासाहेब ठाकरे और हजारों शिवसेना कार्यकर्ताओं ने इसमें योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘देश भर में विपक्षी नेताओं से क्यों पूछा जा रहा है कि उन्हें आमंत्रित किया गया है या नहीं। अगर यह कार्यक्रम मंदिर प्रशासन का होता तो राम मंदिर का समारोह कुछ और ही होता। वहां भाजपा सत्ता में है। मुझे लगता है कि भगवान श्री राम का एक तरह से अपहरण कर लिया गया है।’

कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया

वहीं, कांग्रेस ने भी फिलहाल अपनी उपस्थिति के लिए प्रतिबद्धता नहीं जताई है। पार्टी सांसद और सीडब्ल्यूसी सदस्य शशि थरूर का कहना है कि समारोह में जाने का फैसला व्यक्ति पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को कठघरे में खड़ा कर दिया है। कहा जा रहा है कि अगर आप जाते हैं तो इसका मतलब है कि आप भाजपा के इशारों पर चल रहे हैं। अगर आप नहीं जाते हैं तो इसका मतलब है कि आप हिंदू विरोधी हैं। थरूर ने कहा कि समारोह में जाने और न जाने का फैसला प्रत्येक व्यक्ति पर छोड़ देना चाहिए।

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