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रमन-भूपेश की तीखी बयानबाजी : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “यह 56..56.. क्या है? रमन सिंह जी”

रायपुर : आरक्षण विधेयकों को रोके जाने के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राजभवन को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही प्रदेश के राजनीतिक दलों का टकराव बढ़ता दिख रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने एक बयान में कहा, हाईकोर्ट ने ही जब 56% आरक्षण को रोक दिया तो वहां 82% आरक्षण कैसे वैलिड होगा। इसपर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, यह 56..56.. क्या है? रमन सिंह जी! यहां बात मोदी जी के स्वघोषित सीने के नाप की नहीं बल्कि आरक्षण की हो रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी, उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 56.. 56.. 56.. 56.. क्या है 56? “जगत प्रवक्ता’ डॉ. रमन सिंह जी! यहां बात मोदी जी के स्वघोषित सीने के नाप की नहीं बल्कि आरक्षण की हो रही है। पूर्व में आरक्षण 58% था, ना कि 56% और अभी 76% आरक्षण प्रस्तावित है ना कि 82%।

नवीन आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति  से पारित

मुख्यमंत्री ने लिखा, जब विधानसभा द्वारा नवीन आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति (भाजपा सहित) से पारित किया गया तब क्या विधानसभा में 76% आरक्षण विधेयक को मंजूरी देते समय रमन सिंह जी को यह जानकारी नहीं थी कि पूर्व में 56% आरक्षण प्रावधान निरस्त किया गया था तब 76% आरक्षण कैसे संभव होगा। अगर यह संभव नहीं था तो विधानसभा में उनके द्वारा उक्त आधार पर विधेयक के विरोध में मत क्यों नहीं दिया गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा, राज्यपाल उच्च न्यायालय की नोटिस का जवाब देंगी या नहीं देंगी अथवा क्या जवाब देंगी, यह डॉ रमन सिंह कैसे जानने लगे? क्या कर्नाटक के आरक्षण विधेयक में भी डॉ. रमन सिंह का यही ख्याल है। क्या जनता सही कह रही है कि भाजपा कार्यालय ही अब राजभवन संचालन केन्द्र बन गया है।

 

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