मुंबई। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कल एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उद्योगपति गौतम अडानी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोप को लेकर यह कहा था कि उन्हें लगता है कि अडानी को टारगेट किया गया है. उन्होंने विपक्ष की जेपीसी जांच की मांग को लेकर भी असहमति जताई थी. इसके बाद विपक्षी एकता में सेंध लगने की चर्चा शुरू हो गई थी. आज (शनिवार, 8 अप्रैल) सुबह शरद पवार ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले में सफाई दी.
जिस समिति में विपक्षी सदस्यों की संख्या कम और सत्ता पक्ष की सदस्यों की संख्या ज्यादा होगी, उसका फायदा क्या? इससे अच्छा सुप्रीम कोर्ट जांच करे. मैंने जेपीसी का विरोध नहीं किया. बल्कि उसे ज्यादा कारगर नहीं समझता.मान लीजिए ज्वायंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनी और इसमें 21 सदस्य हुए. तो बहुमत होने की वजह से 15 सदस्य तो बीजेपी के होंगे. शक की गुंजाइश बनी रहेगी. इससे अच्छा तो है कि सुप्रीम कोर्ट की समिति जांच करे.
‘राहुल गांधी के आरोप के आंकड़े नहीं, बिना जानकारी के कुछ बोलना ठीक नहीं’
गौतम अडानी के पास 20 हजार करोड़ रुपए कहां से आए? ये रुपए उनके पास फर्जी कंपनियों के जरिए पहुंचे. अडानी ही मोदी और मोदी ही अडानी हैं. राहुल गांधी के इन सवालों और आरोपों को लेकर शरद पवार ने कहा कि राहुल गांधी जो 20 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगा रहे हैं. उनकी जानकारी मुझे नहीं है. इसके आंकड़े मेरे पास नहीं. मुझे जिन बातों की जानकारी होगी, उसी पर बात करूंगा.
‘अडानी की तारीफ नहीं कर रहा, पर जो योगदान है, वो तो है’
शरद पवार ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे गौतम अडानी की तारीफ नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनका जो योगदान है, उससे इनकार कैसे किया जा सकता है. आज महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा बिजली अडानी से मिलती है. एक जमाना था जब किसी भी बात पर टाटा-बिड़ला का नाम ले लिया जाता था. आज फर्क यह आया है कि अडानी का नाम ले लिया जाता है.