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शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को अरुणाचल-नगालैंड में एंट्री से रोका, गौ रक्षा अभियान पर निकले हैं संत

दीमापुर। ‘गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा’ के लिए नगालैंड पहुंचे एक संत और पांच अन्य लोगों को राज्य सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण लौटने को कहा गया। अधिकारियों ने बताया कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पांच अन्य लोगों के साथ गुरुवार को दीमापुर पहुंचे हालांकि उन्हें वापस लौटना पड़ा। दरअसल शंकराचार्य को गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा निकालनी थी। इसका मकसद गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने और गोहत्या पर रोक लगाने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करना था।

एयरपोर्ट से बाहर निकलने से रोका
एक अधिकारी ने हालांकि बताया कि दीमापुर हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद नगालैंड सरकार के आदेश के कारण उन्हें (शंकराचार्य को) हवाई अड्डे से बाहर निकलने से रोक दिया गया। चुमौकेदिमा जिले के उपायुक्त पोलन जॉन ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश के अनुसार स्वामी और अन्य को हवाई अड्डे से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई।

बीजेपी नागालैंड में गठबंधन सरकार का हिस्सा
शंकराचार्य को हवाई अड्डे के वीआईपी लाउंज में कुछ मिनट बिताने के बाद गुवाहाटी लौटने के लिए कहा गया। कोहिमा में 28 सितंबर को होने वाली यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी गई। हालांकि शुरुआत में वे नाराज थे और उन्होंने आगे न बढ़ पाने का कारण पूछा, लेकिन शंकराचार्य को बताया गया कि यह निर्णय कैबिनेट स्तर पर लिया गया था और प्रशासन केवल इसे लागू कर रहा था। बीजेपी नागालैंड में गठबंधन सरकार का हिस्सा है।

नागा छात्र संघ ने यात्रा का किया था विरोधचुमौकेदिमा जिले के डीसी पोलन जॉन ने कहा कि हमें निर्देश दिया गया था कि उन्हें हवाई अड्डे से बाहर न जाने दिया जाए। दीमापुर के पुलिस आयुक्त केविथुतो सोफी ने 12 सितंबर को राज्य सरकार के निर्देश का हवाला दिया। इससे पहले दिन में नागा छात्र संघ ने कोहिमा में यात्रा का विरोध किया और विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी।

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