शनिदेव कुंभ राशि में 11 फरवरी को होंगे अस्त, इन 3 राशि वालों की बढ़ सकती है मुसीबत

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है, जो कर्म के अनुसार फल देता है। यही कारण है कि शनिदेव को कर्मफल दाता भी कहा गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि देव 11 फरवरी को 1.55 पर राशि परिवर्तन होगा और कुंभ राशि में अस्त होंगे। शनि देव के अस्त होने से जहां धनु राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी, वहीं दूसरी ओर मकर राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती का दूसरा चरण खत्म हो जाएगा। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण भी शुरू होने वाला है। यहां जानें शनि देव के कुंभ राशि में अस्त होने से किन राशि वालों को फायदा और नुकसान होगा।

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शनिदेव 10वें और 11वें भाव के स्वामी है और शनि देव 11 वें भाव में अस्त हो रहे हैं। शनि देव के प्रभाव से मेष राशि वालों को धन से संबंधित मामले में काम रुक सकता है। हालांकि की कुछ काम में देरी होने के बावजूद सफलता जरूर मिलेगी। नौकरी के मामले में फैसला रूक सकता है। व्यवसाय में अच्छा मुनाफा नहीं होगा। मेष राशि वालों को रोज ‘ॐ मांडाय नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नवम और दशम भाव का स्वामी है और वृषभ राशि के शनि देव 10वें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। आप नई नौकरी का विकल्प चुनने के लिए मजबूर हो सकते हैं। अपने काम के प्रति संतुष्ट हो सकते हैं। करियर के संबंध में परेशान नजर आ सकते हैं। व्यवसाय के क्षेत्र में आपको नुकसान हो सकता है। जीवनसाथी के साथ कुछ विवाद हो सकता है। वृषभ राशि वालों को शनिवार को गरीबों को कपड़ों का दान करना चाहिए।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि देव 8वें और नवम भाव का स्वामी है और नवम भाव में ही अस्त होने जा रहा है। मिथुन राशि वालों आध्यात्मिक मामलों के संबंध में रुचि बढ़ सकती है। काम के मामले में आपको सराहना मिलेगी। जीवन साथी के साथ रिश्ते में खुशी मिल सकती है। मिथुन राशि वालों को रोज 21 बार ‘ॐ शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।

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