सूर्यपुत्र शनिदेव 17 जून से 4 नवंबर तक स्वराशि कुंभ में 140 दिन उल्टी चाल चलेंगे। ज्योतिर्विदों के मुताबिक शनिदेव के वक्री होने से कई राशियों के जातकों की परेशानी बढ़ेगी। वर्तमान में मकर, कुंभ व मीन राशि के जातकों पर साढ़े साती और कर्क-वृश्चिक के जातकों पर ढैया चल रही है। मेष राशि के जातकों के लिए शनि की स्थिति नीच (कमजोर) है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शनिदेव 17 जून को रात 10.48 बजे पर कुंभ राशि में वक्री होंगे। इस स्थिति में वे 4 नवंबर को सुबह 8.28 बजे तक रहेंगे। इसके बाद वे मार्गी हो जाएंगे। वक्री होने पर शनिदेव अधिक बलशाली हो जाते हैं। उनका प्रभाव सभी राशि पर अधिक बढ़ जाता है। इसके चलते कर्मों के आधार पर जातक को मानसिक व शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शनिदेव क्रूर नहीं, बल्कि न्याय करने वाले हैं। व्यक्ति जब लालच और मोह से प्रभावित होकर पाप और अत्याचार करता है तो उसके कर्मों के अनुसार सजा देते हैं।
चांदी की पगड़ी पहनाई जाएगी
अमावस्या के दिन शनिवार 17 जून को जवाहर मार्ग शनि मंदिर पर विभिन्न आयोजन होंगे। भगवान को चांदी की पगड़ी पहनाई जाएगी। तेल से अभिषेक कर छप्पन भोग लगाया जाएगा। नवीन पोशक में भगवान के दर्शन होंगे।