प्रत्येक ग्रह समय-समय पर गोचर करता है और राशि व नक्षत्र में प्रवेश करता है। शनि नक्षत्र मंडल में महत्वपूर्ण ग्रह है। शनिदेव सभी राशियों को उनके कर्म के अनुसार फल देते हैं। शनि की गति बहुत धीमी है, लेकिन प्रभाव की तीव्रता अधिक है। शनि एक राशि में प्रवेश करने के बाद ढाई साल और अधिकतम साढ़े साल वर्ष तक रहते हैं। अब कर्मफलदाता के नक्षत्र परिवर्तन का योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 7 अप्रैल को शनिदेव बृहस्पति के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शनि और बृहस्पति के संयुक्त प्रभाव से कुछ राशियों पर शुभ प्रभाव पड़ना निश्चित है।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के जीवन में तेजी आएगी। रुके हुए कामों में गति मिल सकती है। संतान प्राप्ति के लिए किए गए प्रयास फलीभूत होंगे। गर्व की स्थिति का अनुभव कर सकते हैं। माता लक्ष्मी की कृपा रहेगी। बचत करने में सफल रहेंगे। पुराने विचारों को बदलना होगा।
वृषभ राशि
शनिदेव के पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करते ही वृषभ राशिवालों के अच्छे दिन शुरू होंगे। प्रत्येक कार्य का फल मिलेगा। अगर नौकरी की तलास में हैं तो इस अवधि में बढ़िया मौका मिल सकता है। निवेश का मौका मिल सकता है। घर में चल रहे विवाद खत्म होकर शांति का अनुभव होगा।
मिथुन राशि
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में शनि का परिवर्तन मिथुन राशि के लिए लाभकारी हो सकता है। कोई बड़ा वित्तीय निवेश कर सकते हैं। जिससे भविष्य में आर्थिक लाभ के प्रबल अवसर प्राप्त होंगे। विद्यार्थियों को इस अवधि में अनुकूल वातावरण मिलेगा।