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शाला प्रवेश उत्सव : एक ऐसा स्कूल, जहां न प्रवेश और न उत्सव; शिक्षक ट्रांसफर के विरोध में परिजनों ने जड़ा ताला

बालोद। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में सोमवार यानी आज से शिक्षण सत्र की शुरुआत हो रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद राजधानी के जेएन पांडेय शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी विद्यालय पहुंचकर इसका शुभारंभ किया है। बच्चों को तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर और माला पहनाकर शाला में प्रवेश कराया गया। इन सबके बीच बालोद जिले में एक ऐसा भी स्कूल है, जहां न तो प्रवेश हो रहा है और न ही कोई उत्सव। एक टीचर के ट्रांसफर होने के विरोध में ग्रामीणों ने इस स्कूल के गेट पर ताला जड़कर इसका बहिष्कार कर दिया है।

दरअसल, गुरुर ब्लॉक के ग्राम देवकोट स्थित प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक मोहन सिन्हा का स्थानांतरण प्राथमिक शाला मासूल में किया गया है। इसका ग्रामीण काफी विरोध कर रहे हैं। शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष राकेश साहू ने बताया कि शिक्षक का व्यवहार बहुत अच्छा है। पता नहीं यहां से क्यों स्थानांतरण किया गया है। वह बताते हैं कि, जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन तक अपनी बातों को रख चुके हैं, लेकिन किसी तरह का कोई निष्कर्ष नहीं आया। जिसके कारण हमे ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है।

शाला समिति अध्यक्ष राकेश साहू, उपाध्यक्ष तेजेईश्वरी सचिव ज्ञानेश्वर पटेल, पूर्व सरपंच कमलेश साहू सहित तमाम परिजन सुबह ही स्कूल पहुंचे और गेट पर ताला लगा दिया। ग्रामीणों ने बताया की हम लगातार शिक्षक के स्थानांतरण का विरोध कर रहे हैं। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक शिक्षक का स्थानांतरण रुक नहीं जाता। वह शिक्षक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को नैतिक शिक्षा भी देते थे। ऐसे शिक्षक का स्थानांतरण होना बेहद दुखद है, हमारे बच्चे भी खासे नाराज हैं।

इस संबंध में विकासखंड शिक्षा अधिकारी ललित चंद्राकर का कहना है कि उनकी ड्यूटी दूसरी जगह लगी हुई है। उन्हें फोन से इसकी जानकारी मिली है। इस संबंध में परिजनों से बात करेंगे। साथ ही अफसरों को इसकी जानकारी दी जाएगी।

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