नई दिल्ली : पर्यावरण कार्यकर्ता और वकील ऋत्विक दत्ता के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है। दत्ता पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी फंड लेकर देश में विकास कार्यों को रोकने की कोशिश की। सीबीआई ने दत्ता के खिलाफ विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के तहत मामला दर्ज किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने पर्यावरण वकील ऋत्विक दत्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
देश के विकास को रोकने का गंभीर आरोप
ऋत्विक दत्ता पर आरोप है कि उनके संगठन LIFE (Legal Initiative for Forest and Environment)ने अमेरिका के अर्थ जस्टिस (EJ) नामक एनजीओ से फंड हासिल किया और देश में चल रहे कोयला उत्पादन प्रोजेक्ट्स के खिलाफ मुकदमेबाजी कर उन्हें रोकने की साजिश रची। इसे एफसीआरए के नियमों का उल्लंघन माना गया है। बता दें कि ऋत्विक दत्ता कई प्रतिष्ठित अवार्ड्स के विजेता हैं, जिनमें स्वीडन के नोबेल प्राइज के बराबर समझा जाने वाला साल 2021 का Right Livelihood Award शामिल है। ऋत्विक दत्ता कानूनी तौर पर पर्यावरण सुरक्षा की लड़ाई लड़ने के लिए जाने जाते हैं।
विदेशी सहायता के रूप में मिले 22 करोड़ रुपए
ऋत्विक दत्ता के खिलाफ दर्ज शिकायत में आरोप है कि दत्ता ने अर्थ जस्टिस संस्था से वित्तीय वर्ष 2013-14 में करीब 41 लाख रुपए बतौर विदेशी मदद लिए। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2016-21 के बीच दत्ता के संगठन लाइफ को विदेशी मदद के तौर पर करीब 22 करोड़ रुपए की फंडिंग हुई। शिकायत में बताया गया है कि ईजे ने लाइफ को जो रकम दी, वह किसी कानूनी सलाह के लिए नहीं दी गई थी। गृह मंत्रालय ने इसे पैसे लेकर देश में विकास कार्यों को रोकने की साजिश माना है और सीबीआई से इसकी शिकायत की है।
‘भारत की आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा’
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अर्थ जस्टिस और अमेरिका की सैंडलर फाउंडेशन ने पर्यावरण कार्यकर्ताओं को कथित फंड देकर भारत के कोयला उत्पादन प्रोजेक्ट्स को रोकने की कोशिश की, जो कि भारत की राष्ट्रीय आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा है, साथ ही विदेशी फंडिंग कानून का भी उल्लंघन है। अर्थ जस्टिस एक अमेरिकी एनजीओ है, जो विभिन्न देशों के कानूनी विशेषज्ञों को फंडिंग करता है, जो पर्यावरण सुरक्षा के लिए कानूनी लड़ाई लड़ते हैं। इनमें कोयला उत्पादन प्रोजेक्ट के खिलाफ मुकदमा करना शामिल है।