जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में अनोखी शादी देखने को मिली. यहां पांच किन्नर अपने गुरु से विवाह कर सुहागन हो गए. किन्नरों की ओर से पहली बार लोक कल्याण के लिए 3 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पहले दिन रविवार को किन्नरों ने अपने आराध्य देव बहुचरा माता की पूजा की. दूसरे दिन सोमवार को माता के सामने हल्दी रस्म निभाई और तीसरे दिन मंगलवार को प्रदेश भर से पहुचे किन्नरों ने कलश यात्रा निकाली.
रविवार को बहुचरा माता की पूजा अर्चना के बाद पांच किन्नर माही, ज्योति, रानी, काजल, सौम्या की शादी की रस्में निभाई गई. जिसमें बाकायदा उनके परिवार के लोग भी शामिल हुए और सभी किन्नरों के शरीर पर तेल, हल्दी चढ़ाया गया. उनका विवाह उनके ही किन्नर गुरु शारदा नायक से कराने की रस्म की गई. किन्नरों के इस विवाह में वधु की तरह साड़ी पहन रखी थी. वहीं किन्नर द्वारा वर के रूप में भी हाथ में कटार लेकर हल्दी रस्म को पूरा किया गया.
विवाह की सारी रस्में निभाई गईं
इन किन्नरों में माही ने ग्रेजुएशन तक की शिक्षा ली है. अपने इस रूप को ही अपना सहारा बना कर अन्य किन्नरों को इज्जत की जिंदगी देने के लिए प्रेरित कर रही है. माही ने बताया कि किन्नर भी मनुष्य के अंग हैं और उन्हें भी अपनी जिंदगी जीने का अधिकार है. जो सभी महिला पुरुष करते हैं, उस वैवाहिक रस्म को भी किया जा रहा है. जिनकी आज शादी हो रही है, वे अपने गुरु से शादी कर रहे हैं. अब गुरु के नाम का ही सिंदूर और शृंगार करेंगे. इस आयोजन में किन्नरों के परिजन भी आए. शादी का आनंद लिया.
परिजनों ने कहा, सुखद रहा अनुभव
किन्नरों के इस विवाह में अब उनके परिजन भी शामिल होने लगे हैं. उनका कहना है कि इसे देख कर खुशी भी हो रही है और दुख भी. जिस बेटे की शादी कर बहु लाने की चाहत थी, उसके इस रूप को देखकर दुख होता है. लेकिन उसकी खुशी में वे भी खुश हैं. परिजनों ने कहा कि तीन दिनों के इस आयोजन में देवी की पूजा के साथ हल्दी रस्म, डांस और भोज का आयोजन और लोक कल्याण के लिए कलश यात्रा एक सुखद अनुभव रहा.