स्कूली बच्चो को खिलाया कुत्ते का जूठा भोजन : हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती, प्रभावित बच्चो को मुआवजा देने का दिया आदेश

बलौदा बाजार। जिले के ग्राम लक्षनपुर सरकारी स्कूल में 29 जुलाई को बच्चों को कुत्ते का जूठा भोजन खिलाने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरू की डिवीजन बेंच ने प्रभावित बच्चों को मुआवजा देने का आदेश दिया है।
इस मामले में की जानकारी बाहर आने के बाद पूरे छत्तीसगढ़ में हड़क्कम मच गया था। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान शासन ने शपथपत्र के साथ जवाब पेश किया। इसमें बताया गया कि, इस मामले में शासन ने हेडमास्टर एवं 2 अन्य शिक्षकों को सस्पेंड किया गया है। साथ ही मध्यान्ह भोजन का काम महिला स्वसहायता समूह से छीन लिया गया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान शासन से चार बिंदुओं पर शपथपत्र के साथ जवाब मांगा था।
क्या है पूरा मामला
पूरा मामला 29 जुलाई का है जहां बलौदा बाजार जिले के पलारी ब्लॉक के लच्छनपुर गांव के सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में बड़ी लापरवाही सामने आई। मध्यान्ह भोजन के लिए बच्चों को दिए जाने वाले खाना को आवारा कुत्तों ने जूठा कर दिया था। छात्रों ने जब शिकायत की, तब भी उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया और उन्हें कुत्तों के जूठे भोजन को परोस दिया गया था। जब छात्रों ने यह बात अपने अभिभावकों को बताई तो स्कूल समिति की बैठक हुई और इनमें से 78 विद्यार्थियों को एंटी रेबीज वैक्सीन की डोज दी गई।
हेडमास्टर समेत दो अन्य टीचर को सस्पेंड कर दिया
इस मामले के पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग नोटिस जारी कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही थी। जिस पर तत्काल ही स्कूल के हेडमास्टर समेत दो अन्य टीचर को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं मध्यान्ह भोजन का काम करने वाली महिला स्वसहायता समूह को हटा दिया गया था।
प्रभावित बच्चों को मुआवजा देने का आदेश
भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए विभाग के अफसरों को दिशानिर्देश जारी कर मानिटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं इस पर हाईकोर्ट ने प्रभावित बच्चों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। अब प्रभावित बच्चों को कितना मुआवजा मिलेगा ये निर्देश शासन स्तर पर लिया जाएगा।