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Sankashti Chaturthi : संकष्टी चतुर्थी के दिन बन रहा है सुकर्मा योग, गणपति की पूजा से मिलेगी सिद्धि

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। फाल्गुन माह की शुरुआत हो गई है और इस माह संकष्टी चतुर्थी का व्रत गुरुवार, 9 फरवरी को रखा जाएगा। बता दें कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है और इस दिन उनको प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान के साथ पूजन व उपवास किया जाता है। आईये आपको बतायें चतुर्थी तिथि का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त…..

महत्व और मुहूर्त

हर माह दो संकष्टी चतुर्थी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में और शुक्ल पक्ष में। फाल्गुन माह की पहली संकष्टी चतुर्थी 9 फरवरी को पड़ रही है। संकष्टी चतुर्थी का आरंभ 9 फरवरी को सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर होगा और 10 फरवरी को सुबह 7 बजकर 58 मिनट पर इसका समापन होगा।

सुकर्मा योग में करें पूजन

इसे द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी नाम दिया गया है और इस दिन भगवान गणेश का पूजन करने से जीवन में आ रहे सभी विघ्न समाप्त होते हैं। उदयातिथि के ​अनुसार 9 फरवरी को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। इस दिन शाम को 4 बजकर 46 मिनट पर सुकर्मा योग बन रहा है और इस योग में किए गए कार्यों में व्यक्ति को अवश्य सफलता हासिल होती है।

पूजन विधि

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा होती है। लोग दिन में व्रत करते हैं और रात्रि के समय पारण किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश को उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके जल अर्पित करें और जल में कुछ तिल के दाने अवश्य मिलाएं। गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें और लड्डू का भोग लगाएं। रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करें।

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