रेत माफिया ने आरक्षक को कुचला: हाईकोर्ट ने खनिज सचिव व वन विभाग को जारी किया नोटिस, 9 जून को सुनवाई

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में अवैध रेत खनन को रोकने गए एक आरक्षक को ट्रैक्टर से कुचल दिया गया। यह मामला कानून व्यवस्था और अवैध खनन के खिलाफ जारी जंग पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
इस गंभीर घटना को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। अदालत ने खनिज विभाग के सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 9 जून को निर्धारित की गई है। हाईकोर्ट के इस हस्तक्षेप से उम्मीद की जा रही है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी और अवैध खनन के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
दरअसल, रेत माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि अब वे कानून के रखवालों की जान लेने से भी नहीं चूक रहे। सनावल थाना क्षेत्र के लिब्रा गाँव में अवैध रेत उत्खनन रोकने गई पुलिस टीम पर माफियाओं ने जानलेवा हमला कर दिया, जिसमें एक आरक्षक की दर्दनाक मौत हो गई।
थाना प्रभारी निलंबित:
इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सनावल थाना प्रभारी दिव्यकांत पाण्डेय को निलंबित कर दिया गया है। सरगुजा रेंज के आईजी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि, दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और पुलिस बल की सुरक्षा सर्वोपरि है। रेत के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने की कोशिशों के बीच हुई इस घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली और जमीनी हकीकत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जान बूझकर आरक्षक पर चढ़ाया ट्रेक्टर:
घटना रविवार रात की है, जब पुलिस की पेट्रोलिंग टीम अवैध रेत खनन की सूचना पर कन्हर नदी के किनारे पहुंची थी। जैसे ही टीम ने मौके पर कार्रवाई शुरू की, रेत ले जा रहे माफियाओं ने अचानक ट्रैक्टर को तेज़ी से आरक्षक की ओर बढ़ा दिया। ट्रैक्टर की चपेट में आकर एक आरक्षक बुरी तरह कुचला गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
रेत माफियाओं ने लिया बदला:
मृतक आरक्षक की पहचान धमनी गांव निवासी के रूप में हुई है। कुछ दिन पहले ही पुलिस ने तीन ट्रैक्टरों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें थाने में खड़ा किया था। इसी की प्रतिक्रिया में रेत माफिया ने यह दुस्साहसिक हमला किया है।