निकाय चुनाव 2025: 3 बार के पूर्व पार्षद समीर अख़्तर ने आम आदमी पार्टी में किया प्रवेश

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे कई सीटों पर सियासी हलचल तेज हो रही है। आज रायपुर से पूर्व कांग्रेसी और 3 बार के रायपुर से पार्षद रह चुके समीर अख्तर ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है। आम आदमी पार्टी ने उन्हें रायपुर नगर निगम के वार्ड 62 से अधिकृत प्रत्याशी रमीज अलियाज की जगह पार्टी का प्रत्याशी बनाया है। वहीं 70 वार्डों में से 66 वार्डों में अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी कांग्रेस ने बाकी के 4 वार्डों में अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इन प्रत्याशियों में महापौर एजाज ढेबर की पत्नी अरजुमन ढेबर का नाम भी शामिल है।

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने समीर अख़्तर को वार्ड 62 शहीद राजीव पांडेय वार्ड से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जहां से अख्तर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर 3 बार के पार्षद रह चुके हैं और एमआईसी सदस्य भी रहे हैं।

आज ही शहीद हेमू कालाणी वार्ड के पार्षद बंटी होरा के बाद समीर अख़्तर ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया। आम आदमी पार्टी का प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कांग्रेस के शहर और ब्लॉक अध्यक्ष पर भी आक्रोश व्यक्त किया। समीर अख़्तर ने कहा कि बेईमान नेताओं को टिकट देने से कांग्रेस को नुकसान होगा और पार्टी अपनी रीति-नीति से नहीं, बल्कि चंद नेताओं के कारण हारी है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस में पैर छूने और लेन-देन की परंपरा की बात की और कहा कि ईमानदारी से पार्टी का झंडा उठाने वाले कार्यकर्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा था।

आम आदमी पार्टी में प्रवेश को लेकर समीर अख्तर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के साथ ईमानदारी से काम करने के बावजूद मुझे महत्व नहीं दिया गया। मैं आम आदमी पार्टी की विचारधारा से प्रभावित हूँ और अब आम आदमी पार्टी के साथ ईमानदारी से काम करूंगा।

कांग्रेस ने इन वार्डों में अपने प्रत्याशियों का किया ऐलान

वार्ड 45 मौलाना अब्दुल रउफ वार्ड से अरजुमन ढेबर, 47 मदर टेरेसा वार्ड से ताराचंद यादव, 52 डॉ. राजेंद्र प्रसाद वार्ड से रामकुमार साहू और वार्ड 56 लें. अरविंद दीक्षित वार्ड से सुरजीत साहू को पार्षद का टिकट दिया है।पार्टी सूत्रों का कहना है इन वार्डों में जिन्हें टिकट दिया जा रहा है, उनके नाम को लेकर बड़ी बगावत हो सकती थी, जिसके चलते काफी सोच विचार कर इन नामों पर मुहर लगाई गई है।

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