शहीद राजीव पांडे को सलाम: वीर चक्र सम्मानित लेफ्टिनेंट को श्रद्धांजलि, शहादत की अनंत गूंज

रायपुर। 29 मई 1987 को ऑपरेशन मेघदूत के तहत लद्दाख में स्थित सियाचिन ग्लेशियर में दुश्मनों की एक महत्वपूर्ण चौकी को हासिल करने का जिम्मा शहीद लेफ्टिनेंट राजीव पांडे को दिया गया था। इस कार्य में 21,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित दुर्गम चोटी तक पहुंचने के लिए 3 किलोमीटर तक खुला बर्फीला इलाका और 12,000 फीट की ऊर्ध्वाधर दीवार को पार करना आवश्यक था।

शहीद राजीव पांडे और उनके साथियों ने निडरता से इस चौकी पर आक्रमण कर दुश्मनों की सुरक्षा व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया। इस साहसिक प्रयास के दौरान वे और उनके पांच अन्य साथी वीरगति को प्राप्त हुए। उनके इस अदम्य साहस के कारण भारतीय सेना ने 29 जून 1987 को इस चौकी पर अपना कब्जा कर लिया।

इस वीरता के लिए 26 जनवरी 1988 को उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया

छत्तीसगढ़ राज्य सैनिक बोर्ड के संचालक ब्रिगेडियर विवेक शर्मा (विशिष्ट सेवा मेडल) और कैप्टन (भारतीय नौसेना) ए. के. शर्मा ने शहीद राजीव पांडे के समता कॉलोनी स्थित निवास जाकर उनके परिवार को शाल, श्रीफल और पुष्पगुच्छ देकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान परिवार के सदस्यों के साथ शोक संवेदना व्यक्त की गई और शहीद की वीर गाथा को याद किया गया। यह कार्यक्रम शहीदों के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना को जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।

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