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यूक्रेन युद्ध के बीच रूस का बड़ा एलान, फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट तकनीक साझा करने को हुआ तैयार

मास्को : यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच रूस ने बड़ा एलान किया है। दरअसल रूसी सरकार के मालिकाना हक वाली ऊर्जा कंपनी रोसाटोम ने कहा है कि वह सहयोगी देशों के साथ अपनी फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट (एफएनपीपी) की तकनीक को साझा करने के लिए तैयार है। बता दें कि दूर-दराज के इलाकों में ऊर्जा संकट को दूर करने में इस तकनीक को बेजोड़ बताया जा रहा है।

रिमोट इलाकों में 24 घंटे एनर्जी सप्लाई संभव

रूस ने फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर यूनिट को अपने एक वैज्ञानिक एकाडेमिक लोमोनोसोव नाम दिया है। रोसाटोम कंपनी द्वारा इस तकनीक को विकसित और संचालित किया जाता है। रूस के पेवेक शहर में यह कंपनी मौजूद है। यह इलाका काफी ठंडा माना जाता है और सर्दियों में यहां माइनस 24 डिग्री सेल्सियस तक पारा गिर जाता है। यह इलाका अपने खनिज भंडार के लिए भी जाना जाता है। एफएनपीपी की मदद से ही पेवेक शहर में ऊर्जा की सप्लाई होती है। रूस एफएनपीपी की मदद से ही दुनिया के सबसे ठंडे इलाकों में शामिल साइबेरिया में ऊर्जा की सप्लाई कर रहा है। एफएनपीपी से इन रिमोट इलाकों में 24 घंटे बिजली की सप्लाई संभव हो पा रही है।

सुरक्षा की दृष्टि से भी बेजोड़ एफएनपीपी तकनीक

फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट के कार्यकारी निदेशक आंद्रे जास्लावस्की ने बताया कि एफएनपीपी तकनीक पूरी तरह सुरक्षित है इसने लोगों की जिंदगी को बदल दिया है। आंद्रे ने बताया कि एफएनपीपी  तकनीक पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है और इसमें न्यूक्लियर वेस्ट के निस्तारण की भी सुरक्षित प्रक्रिया है। साथ ही सूनामी और भूकंप में भी एफएनपीपी की यूनिट को कोई नुकसान नहीं होगा।

साल 2020 में रूस ने इस तकनीक की मदद से 127.3 मिलियन किलोवाट बिजली का उत्पादन किया गया और 2022 में यह बढ़कर 194 मिलियन किलोवाट हो गया। रोसाटोम कंपनी ने कहा है कि वह एफएनपीपी तकनीक को अपने सहयोगी देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है, जिससे उनके विकास में मदद मिल सके।

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