मॉस्को : स्टेलिनग्राद की लड़ाई की समाप्ति के 80 साल पूरे होने के मौके पर अपने भाषण में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर अपने देश के आक्रमण की तुलना नाजी जर्मनी के खिलाफ लड़ाई से की। स्टेलिनग्राद की लड़ाई 23 अगस्त, 1942 से 2 फरवरी, 1943 के बीच लड़ी गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई यह सबसे घातक लड़ाई थी। इसमें एक अनुमान के मुताबिक दो मिलियन यानी 20 लाख लोग मारे गए थे। युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी और उसके सहयोगियों ने स्टेलिनग्राद शहर के नियंत्रण के लिए सोवियत संघ से असफल लड़ाई लड़ी, जिसे बाद में वोल्गोग्राड नाम दिया गया।
सोवियत सेना ने लगभग 91,000 जर्मन सैनिकों को पकड़ लिया, जो युद्ध का एक प्रमुख मोड़ था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को वोल्गोग्राड में एक कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि इतिहास खुद को दोहरा रहा है, क्योंकि जर्मनी ने यूक्रेन में टैंक भेजने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘यह अविश्वसनीय, लेकिन सच है, हमें फिर से जर्मन लेपर्ड टैंकों से खतरा है।’ गौरतलब है कि जर्मनी यूक्रेन को 14 लेपर्ड-2 टैंक भेजने पर सहमत हो गया है।
‘रूस से भिड़ने वालों नहीं ताकत का अंदाजा’
पुतिन ने यह भी संकेत दिया कि वह पारंपरिक हथियारों से आगे बढ़ने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘जो लोग युद्ध के मैदान में रूस को हराने की उम्मीद करते हैं, वे नहीं समझते हैं। ऐसा लगता है कि रूस के साथ एक आधुनिक युद्ध उनके लिए बहुत अलग होगा। हम अपने टैंकों को उनकी सीमाओं पर नहीं भेज रहे हैं, लेकिन हमारे पास जवाब देने के साधन हैं। यह बख्तरबंद हार्डवेयर के उपयोग तक सीमित नहीं होगा। सभी को यह समझना चाहिए।’
‘हमारी सुरक्षा के लिए खतरा नाजीवादी विचारधारा’
रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर अपना आक्रमण शुरू किया था। पुतिन ने चल रहे युद्ध को राष्ट्रवादियों और नाजियों के खिलाफ लड़ाई के रूप में पेश करने की मांग की है। बीबीसी ने रूसी राष्ट्रपति के हवाले से कहा, ‘अब दुर्भाग्य से, हम देखते हैं कि नाजीवाद की विचारधारा, जो पहले से ही अपने आधुनिक रूप में है, अपनी आधुनिक अभिव्यक्ति में, फिर से हमारे देश की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा पैदा करती है।’ उन्होंने कहा कि हमें सामूहिक पश्चिम की आक्रामकता को पीछे हटाना होगा।