रायपुर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में एक और घोटाले का आरोप लगाया। ईडी ने दावा किया कि प्रदेश मार्कफेड के एक पूर्व प्रबंध निदेशक और स्थानीय राइस मिलर्स एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने ताकतवर लोगों के लिए 175 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। पिछले कुछ महीनों के दौरान ईडी ने राज्य में कोयला लेवी, शराब शुल्क और अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी एप घोटाले का खुलासा करने का दावा किया है।
राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है। ईडी ने आरोप लगाया है कि इन सभी मामलों में स्थानीय राजनेताओं और नौकरशाहों की सांठगांठ के माध्यम से करोड़ों रुपये की रिश्वत ली गई थी। एजेंसी ने अब तक इन उपर्युक्त मामलों में कई आईएएस अधिकारियों, एक पुलिस अधिकारी और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है।
नवीनतम कस्टम राइस मिलिंग विशेष प्रोत्साहन घोटाला में ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया कि उसने 20 और 21 अक्तूबर को मार्कफेड के पूर्व प्रबंध निदेशक मनोज सोनी, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर और पदाधिकारियों, जिला विपणन अधिकारियों और कुछ अन्य के परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 1.06 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी बरामद की गई।
विशेष भत्ता 40 से बढ़ाकर 120 रुपये किया
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ लिमिटेड (मार्कफेड) के अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और विशेष प्रोत्साहन का दुरुपयोग करने और रिश्वत में करोड़ों कमाने की साजिश रची।ईडी की जांच में यह भी पता चला कि विशेष भत्ता 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये प्रति क्विंटल करने के बाद 500 करोड़ रुपये के भुगतान जारी किए गए, जिससे 175 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली, जिसे रोशन चंद्राकर ने एमडी मार्कफेड की सक्रिय सहायता से एकत्र किया था।