CG घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राहत : पहली बार एफपीपीएएस शुल्क माइनस में, अप्रैल माह के बिजली बिल में 12.61 फीसदी शुल्क नहीं देना पड़ेगा

रायपुर। भरी गर्मी में प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओ को बड़ी राहत मिली। वैसे तो इस साल महंगी बिजली का झटका लगना तय है, लेकिन इसके पहले एक बड़ी राहत वाली बात यह है कि पहली बार टैरिफ पर लगने वाला एफपीपीएएस शुल्क इस बार माइनस में चला गया है। ऐसे में अप्रैल का जो बिजली बिल मई में आएगा उसमें 12.61 फीसदी एफपीपीएएस शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यह शुल्क मार्च के बिल में लगा था। इस बार यह शुल्क माइनस 0.15 हो गया है।

प्रदेश में अब तक बिजली उपभोक्ताओं से वीसीए के स्थान पर उत्पादन लागत के अंतर की राशि को उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए नया फार्मूला फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) लागू है। सबसे पहले 2023 के अप्रैल में पहली बार नया फार्मूला लागू किया गया। बीते दो साल से उपभोक्ताओं को एफपीपीएएस शुल्क के नाम से हर माह झटका ही लगता रहा है। पहली बार यह झटका नहीं लगा है। इसके पीछे का कारण यह है कि एनटीसीपी लारा से ली गई बिजली का 15 सौ करोड़ अंतर का पैसा बीते छह माह से उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा था जिसके कारण एफपीपीएएस शुल्क ज्यादा लग रहा था।

छोटे उपभोक्ताओं को कम राहत 

अप्रैल के बिल में एफपीपीएएस शुल्क न लगने के कारण घरेलू छोटे उपभोक्ताओं को कम राहत मिलेगी, क्योंकि इनकी खपत कम रहती है। सौ यूनिट का टैरिफ 3.90 रुपए है, इस पर लगने वाला 12.61 फीसदी शुल्क न लगने के कारण सौ यूनिट खपत करने वालों को 50 रुपए की राहत मिलेगी। इसी तरह से 400 यूनिट की खपत का टैरिफ यानी ऊर्जा प्रभार 1900 रुपए होता है। इस पर 239 रुपए नहीं लगेंगे। इसी तरह से ज्यादा खपत करने वालों को पांच सौ रुपए से ज्यादा की बचत हो जाएगी। लेकिन यह बचत फिलहाल तो एक ही माह होगी। अगले माह फिर से शुल्क का निर्धारण होगा तो शुल्क बढ़ भी सकता है। शुल्क के प्रतिशत के हिसाब से तय होगा कि फिर से टैरिफ के अलावा और कितने पैसे देने पड़ेंगे।

ज्यादा खपत पर बड़ी राहत 

ज्यादा खपत करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। गैर घरेलू उपभोक्ताओं की खपत ज्यादा होती है। जैसे व्यापारिक संस्थान और उद्योग। इनको भी जरूर फिलहाल एक माह तो बड़ी राहत मिल जाएगी। उद्योगों का बिजली हर माह लाखों के साथ करोड़ों में भी आता है। उद्योगों में हर माह लाखों यूनिट बिजली की खपत होगी। ऐसे में उद्योगों को जरूर लाखों रुपए की बचत एक माह के लिए होगी। लेकिन जैसे ही शुल्क में इजाफा होगा, फिर से लाखों का फटका भी लगने लगेगा। अब तक वैसे लाखों रुपए का फटका ही लगता रहा है।

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