व्रत के दौरान सात्विक भोजन करने का कारण, पढ़ें इसके फायदे

हिंदू धर्म में मानना है कि उपवास हर व्यक्ति को रखना चाहिए, क्यों कि यह आपकी आंतरिक शुद्धता के लिए जरूरी होता है। इस दौरान आपको केवल सात्विक भोजन ही खाना होता है। ऐसा न करने पर व्रत का प्रभाव ही खत्म हो जाता है। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि व्रत के दौरान किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किन चीजों के सेवन से दूर रहना चाहिए।

क्यों किया जाता है व्रत के दौरान सात्विक भोजन ?

व्रत के दौरान सात्विक भोजन लेने से आपमें पवित्रता, शीतलता व मानसिक संतुलन सही बनी रहती है। इस भोजन को कर आपके शरीर में पर्याप्त ऊर्जा का संचार होता है। यह भोजन पूरी तरह से शुद्ध होता है, जिसको खाकर मन में शीतलता रहती है। यह आपका मन आध्यात्मिकता व ध्यान में लगाए रखता है।

सात्विक भोजन

सात्विक भोजन में तेली-भुनी चीजों को खाने से परहेज करने को कहा गया है। आप फल, डेयरी प्रोडक्ट्स, मेवा, सिंघाड़े का आटा, आलू, साबूदाना, मूंगफली, मावे से बनी हुई मिठाई, आदि खा सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होती हैं।

तामसिक भोजन

तामसिक भोजन में मांस, मदिरा, लहसुन-प्यार से बना हुआ मसालेदार भोजन आदि को माना गया है। इस तरह के भोजन को खाकर लोग के मन में भटकाव महसूस होता है।

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