गरियाबंद: उदंती सीतानदी अभयारण्य के ऊंची पहाड़ी वाले इलाका कुल्हाड़ीघाट, आमामोरा व ओढ़ में हार्नबिल की चहचहाट खूब सुनाई दे रही है। हार्नबिल पक्षी पेड़ की डालियों को खोदकर अपना घोंसला बनाते हैं। मादा हार्नबिल बच्चों को पालने के लिए करीब तीन माह के लिए स्वयं को घोंसले में कैद कर लेती हैं। इसके बाद घोसले के मुहाने को मिट्टी की दीवार से बंद कर लेता है। कैद के दौरान एक खुला छेद रहता है, ताकि उसे सांस और खाना मिल सके। नर हार्नबिल चोंच से खाना खिलाता है। जनवरी से अप्रैल माह तक इनका प्रजनन काल होता है।
उदंती सीता नदी अभयारण्य के उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि हार्नबिल का स्थानीय नाम धनेश व वैज्ञानिक नाम बूसेरोस बिकोर्निस है। इसका पूरा नाम मालाबार पिएड हार्नबिल है। यह एशिया, अफ्रीका, मलेशिया के अलावा भारत के पश्चिमी घाट यानी महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु में पाया जाता है। इसकी मौजूदगी छत्तीसगढ़ के बस्तर में कुछ मात्रा में है, पर इस अभयारण्य में कूल्हाडीघाट, अमामोरा ओढ़ की पहाड़ी में हजारों की संख्या में मौजूद है।
अभयारण्य के इस इलाके की जलवायु व जैव विविधता पश्चिमी घाटियों जैसे है। इसी खासियत के वजह से इनकी उपस्थिति ज्यादा है। जैन ने बताया कि अभयारण्य में उड़न गिलहरी, बड़ी गिलहरी भी पाई जाती है। पाए जाने वाले पक्षियों की सामान्य जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने एक फील्ड गाइड किताब, द बर्ड्स आफ यूएसटीआर के नाम से जल्द प्रकाशित किया जा रहा है। इस किताब के कवर पेज पर हार्नेबिल की तस्वीर को स्थान दिया गया है।
तीन माह तक नर पक्षी करता है सेवा
ओढ़ व आमामोरा इलाके में 4 ट्रैकरों की नियुक्ति अभयारण्य प्रशासन ने किया है। जो इनके दिनचर्या व व्यवहार पर नजर बनाए हुए हैं। ट्रैकरों ने बताया कि मादा घोंसले में एक या दो अंडे देती है। करीब 38 दिन बाद अंडे से चूजे निकलते हैं। बच्चे को उड़ने लायक बनने में तीन माह का समय लग जाता है। तब तक नर घोंसले में भोजन पहुंचाता है। पक्षी के इसी प्रेम कहानी के कारण पक्षी प्रेमी फोटोग्राफर इसे देखने दूर-दूर से पहुंच रहे हैं।
प्रजनन काल में शाकाहारी बन जाता है पक्षी
आमतौर पर हार्नबिल सर्वभक्षी पक्षी है। लेकिन प्रजनन काल में नर पक्षी, जंगली फल, आम, फूल, कलियां आदि का गूदा भोजन के रूप में जुटाता है, ट्रैकरों के मुताबिक मादा नर से छोटा होता है, आसानी से उसकी पहचान हो जाती है। इनकी लंबाई 95-110 सेमी, वजन 2.4 किग्रा, पंख फैलाव 50 सेमी होता है|