रामसहाय यादव बन सकते हैं नेपाल के तीसरे उपराष्ट्रपति, सत्तारूढ़ गठबंधन नहीं उतार सका अपना साझा उम्मीदवार
काठमांडू : नेपाल के मधेस क्षेत्र के नेता रामसहाय यादव देश के तीसरे उपराष्ट्रपति बन सकते हैं। शुक्रवार को इस पद के लिए मतदान शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ गठबंधन अपना साझा उम्मीदवार नहीं उतार सका जिससे यादव के उपराष्ट्रपति बनने की संभावना जताई जा रही है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतरे उम्मीदवारों में जनता समाज पार्टी से रामसहाय यादव, सीपीएन-यूएमएल से अष्ट लक्ष्मी शाक्य, जनमत पार्टी से प्रमिला यादव और ममता झा शामिल हैं।हालांकि, सत्तारूढ़ गठबंधन अंतिम समय में एक साझा उम्मीदवार को उतारने में विफल रहा। उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए बुधवार को काठमांडू प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के आधिकारिक आवास पर हुई राजनीतिक दलों की बैठक बेनतीजा रही।
मधेस क्षेत्र के नेता रामसहाय यादव को नया उपराष्ट्रपति बनने की उम्मीद है। उन्हें नेपाली कांग्रेस की तीन प्रमुख पार्टियों, सीपीएन-माओवादी सेंटर और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट सहित सात दलों का समर्थन प्राप्त है।
प्रमिला यादव ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा की
इस बीच, प्रमिला यादव ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा की है और चुनाव में अपनी पार्टी के नेता रामसहाय का समर्थन किया है। चुनाव आयोग के प्रवक्ता शालिग्राम शर्मा पौडेल ने कहा, ‘सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मतदान शुक्रवार को सुबह 10 बजे से शुरू हुआ है और दोपहर 3 बजे तक चलेगा।’
गणराज्य प्रणाली को अपनाने के बाद से उपराष्ट्रपति का तीसरा चुनाव
राष्ट्रपति की तरह, उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल करता है जिसमें संघीय संसद (प्रतिनिधि सभा और नेशनल असेंबली) और प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। संघीय संसद के 332 मतदाताओं और प्रांतीय विधानसभाओं के 550 मतदाताओं के मतों का कुल भारांक 52,628 होता है, इस प्रकार एक उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए कम से कम 26,315 मत प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। 2008 में देश द्वारा संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली को अपनाने के बाद से यह तीसरा उपराष्ट्रपति चुनाव है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।