राजिम कुंभ कल्प : डॉ. रमन सिंह ने संत समागम का किया उद्घाटन, कहा- संतों की उपस्थिति से त्रिवेणी संगम का महत्व बढ़ा

राजिम। छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह नी राजिम में संत समागम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सभी साधु- संत भी शामिल हुए। वहीं इस दौरान डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, ये हमारा सौभाग्य है कि यहां पर हमें संतों का आशीर्वाद और उनका दर्शन लाभ मिल रहा है। इसके साथ ही उन्होंने ब्रह्मलीन संत कवि पवन दीवान की पुण्यतिथि पर नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

संतों की उपस्थिति ने राजिम कुंभ कल्प का महत्व बढ़ा 

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, विराट संत समागम में संत छत्तीसगढ़ में मौजूद हैं। ये हमारा सौभाग्य है कि प्रयागराज महाकुंभ स्नान के बाद राजिम पहुंचे हैं। ,हम प्रयागराज को यहां नहीं ला सकते है, लेकिन संतों की उपस्थिति से राजिम कुंभ कल्प का महत्व बढ़ा है। चित्रोत्पला का उल्लेख पुराणों में है। श्रृंगी ऋषि ने महानदी का उद्गम हुआ। मेरे मुख्यमंत्रीत्व काल में 2005-06 में साधु-संतों की उपस्थित में राजिम में कुंभ का आयोजन करने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं धन्यवाद देना चाहूंगा समस्त संतों को जिनकी जागृति से सनातन धर्म आगे बढ़ रहा है। हमारा प्रयास होगा कि संतों को जो गौरवशाली स्थान रहा है उसे हम आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। आप सभी संत राजिम आते रहें और आपकी गरिमामय उपस्थिति में राजिम की शोभा बढ़ती रहे।

आचार्य महामंडलेश्व्र विशोकानंद महाराज ने कहा- छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया

आचार्य महामंडलेश्व्र विशोकानंद महाराज ने छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया का नारा दिया। उन्होंने कहा कि,  छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या का जन्म हुआ है, यहां अनेक मंदिर है। छत्तीसगढ़ सबसे बढ़िया है क्योंकि भारत के अनेक राज्य जो नहीं कर सके वो कार्य इन्होंने किया है। छत्तीसगढ़ ने प्रयागराज को हाइजैक करके यहां ले आए। तीर्थ प्रयागराज छत्तीसगढ़ नहीं आ सकता पर छत्तीसगढ़ियों ने इन महात्माओं को जो तीर्थ प्रयागराज के प्रतिनिधि है उनको यहां पर विराजमान किया है।

संतो ने की अपील 

महाराज जी ने कहा कि, सरकार के प्रयास से यहां पर फिर से राजिम कुम्भ प्रारंभ  हुआ है। इसलिए हम यहां पर एक भावना करते हैं कि प्रयागराज में जो कुंभ स्नान करके पुण्य कमाया है उसका फल इस प्रदेश को भी प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि, आपको एक निश्छल मन से कह रहा हूं। 1974 में पहला कुंभ मैं हरिद्वार किया था। 1988 में मैं महामंडलेश्वर बनकर के प्रयाग में कुंभ किया, जो अब 2025 तक किया। मेरे को वहां के 2025 के कुंभ से इतनी खुशी नहीं हुई जितनी अपने राजिम के 2025 के कुंभ से मेरा मन जो गदगद है। संतो की अपील है कि, राजिम की व्यवस्था के साथ संतों की धार्मिक स्थलों की शिक्षण स्थलों की व्यापक व्यवस्था हो। इस कुंभ का स्वरूप और भी विराट गति को प्राप्त करें।

संतों का आशीर्वाद श्रद्धालुओं को मिला 

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद गिरी, महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद महाराज, महामंडलेश्वर मनमोहनदास महाराज, ब्रह्मचारी डॉ. इंदुभवानंद महाराज, दंडी स्वामी सच्चिदानंद तीर्थ महाराज, संत द्वारकेश महाराज, संत गुरुशरण महाराज (पंडोखर सरकार), महंत नरेन्द्रदास महाराज, स्वामी राजीव लोचनदास महाराज, रामबालक दास महाराज, साध्वी महंत प्रज्ञा भारती सहित विशिष्ट साधु-संतों का सानिध्य और आशीर्वाद श्रद्धालुओं को मिला।

ये लोग रहे मौजूद 

इस कार्यक्रम में महासमुंद सांसद रूपकुमारी चौधरी, राजिम विधायक रोहित साहू, विधायक अभनपुर इंद्र कुमार साहू, पूर्व सांसद चंदूलाल साहू, नगर पंचायतों के नवनिर्वाचित अध्यक्षगण, रायपुर कमिश्नर महादेव कांवरे, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल विवेक आचार्य, गरियाबंद कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल, एसएसपी अजीत कुकरेजा, पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा सहित बड़ी संख्या में साधु-संतों , विशिष्ट जनों के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण की गरिमामय उपस्थिति रही ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button