रायपुर : रायपुर दक्षिण का यह उपचुनाव कई मायनों में खास है। यहां दोनों ही प्रमुख पार्टियों के लिए बड़ी चुनौती है। कांग्रेस यह अभेद्य किला भेद देती है तो उनके प्रत्याशी आकाश शर्मा के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। वहीं, हार के बाद भी आकाश के लिए यह उपचुनाव उनके राजनीतिक करिअर के लिए एक मैदान तैयार कर देकर जाएगा। वहीं, दूसरी ओर भाजपा के लिए यह साख की लड़ाई है।
अगर भाजपा यहां जीतती है, तो यह कोई नई या बड़ी बात नहीं होगी। लेकिन अगर भाजपा यहां से चुनाव हारती है, तो प्रत्याशी सुनील सोनी का राजनीतिक करिअर यहां से लगभग समाप्त होना ही माना जा रहा है। क्योंकि भाजपा के संगठन में कई ऐसे युवा चेहरे हैं, जो कि चुनाव में टिकट की आस लगाए बैठे हैं। ऐसे में राजनीतिक पंडितों के अनुसार यहां से हार के बाद सुनील सोनी का करिअर खत्म ही हो जाएगा।
34 बनाम 63 का मुकाबला
आमने-सामने मैदान में उतरे दोनों प्रत्याशियों के बीच 34 बनाम 63 के बीच मुकाबला होना है। कांग्रेस से युवा आकाश की उम्र 34 वर्ष है, जबकि पूर्व सांसद और महापौर रह चुके सुनील सोनी 63 वर्ष के हैं। ऐसे में यह मुकाबला काफी रोचक होता दिखाई दे रहा है।
ब्राह्मण और मुस्लिम वोटों से भाजपा को फायदा
इस उपचुनाव में अंततः 30 प्रत्याशी मैदान में हैं। जिनमें से नौ मुस्लिम प्रत्याशी हैं, जबकि चार ब्राह्मण समाज के कैंडिडेट सामने हैं। ऐसे में कांग्रेस पर मुस्लिम वोटों और ब्राह्मण समाज के वोटों के करने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं, भाजपा को जातिगत समीकरण से किसी प्रकार का कोई नुकसान होता नहीं दिखाई दे रहा है।
भाजपा को भी ब्राह्मण मतों का डर
भाजपा को ब्राह्मण मतों का डर सता रहा है। क्योंकि कांग्रेस की ओर से ब्राह्मण और युवा प्रत्याशी को मौका दिया गया है। ऐसे में भाजपा ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। भाजपा के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सुंदर नगर से इसकी शुरुआत भी कर दी है।
कांग्रेस से डोर टू डोर प्रचार आज से
सोमवार से कांग्रेस की ओर से छत्तीसगढ़ सह प्रभारी जरिता लैतफलांग आ रही हैं। वहीं, रविवार को सह प्रभारी दक्षिण के चुनाव की कमान संभालेंगे। इससे पूरे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव को डोर टू डोर प्रचार की कमान सौंपी जा चुकी है।