रायपुर। लोकसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार में प्रत्येक प्रत्याशी की खर्च करने की अधिकतम सीमा 95 लाख रुपये तय है। इसकी तुलना में रायपुर लोकसभा सीट के लिए चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशी अपने प्रचार-प्रसार में दिल खोलकर नहीं, बल्कि किफायत के साथ खर्च कर रहे हैं। नामांकन दाखिल करने के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों में भाजपा और कांग्रेस से खड़े प्रत्याशी को छोड़कर अन्य दलों के साथ निर्दलीय प्रत्याशी अपने – अपने प्रचार-प्रसार में रुपये खर्च ही नहीं कर रहे हैं। इनमें कई प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने के बाद जहां 5 हजार से लेकर अधिकतम 70 हजार रुपये तक खर्च किए हैं, वहीं एक निर्दलीय प्रत्याशी ऐसे भी हैं जिसने प्रचार-प्रसार में अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है। इनका नाम विनायक धमगाये है, जो डोंगरगढ़ क्षेत्र के निवासी हैं। खर्च के ये आंकड़े प्रत्याशियों ने निर्वाचन मुख्य पदाधिकारी कार्यालय को अपने व्यय ब्योरा में दिए हैं।
रायपुर लोकसभा सीट के लिए 7 मई को मतदान होना है। चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामांकन फार्म भरने की प्रक्रिया अप्रैल में पूरी कर ली गई थी। इसके बाद से प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए थे, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी पैसे खर्च करने से बचते दिखाई दे रहे हैं। इसका कारण रायपुर लोकसभा क्षेत्र है, जिसमें 9 विधानसभा आती हैं। विधानसभा का चुनाव लड़ने में ही प्रत्याशियों को जीतने के लिए चुनाव प्रचार में जहां लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं, वहीं लोकसभा क्षेत्र में खर्च की राशि दो से तीन गुना बढ़ जाती है। यहीं कारण है कि भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी को छोड़कर अन्य दलों व निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव प्रचार में पैसे खर्च नहीं कर रहे हैं।
भाजपा प्रत्याशी खर्च करने में सबसे आगे
रायपुर लोकसभा सीट के लिए भाजपा से चुनाव लड़ रहे बृजमोहन अग्रवाल चुनाव प्रचार में खर्च करने में सबसे आगे है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को दिए खर्च ब्योरे में भाजपा प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल करने के बाद से अप्रैल माहांत तक 22 लाख 47 हजार रुपये चुनाव प्रचार में खर्च कर चुके हैं। इसकी तुलना में कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय ने 12 लाख 66 हजार रुपये खर्च किए हैं।
खर्च ब्योरे में जमानत राशि भी समाहित
प्रत्याशियों ने प्रचार-प्रसार में खर्च की गई राशि का जो ब्योरा जमा किया है, उसमें नामांकन जमा करने के दौरान जमा की गई जमानत राशि भी समाहित है। इसमें सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों ने 25-25 हजार रुपये तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के प्रत्याशियों ने साढ़े 12 हजार रुपये जमानत राशि जमा कराई है। इस तरह कुल खर्च के ब्योरे से जमानत राशि अलग की जाती है तो कुछ प्रत्याशी ऐसे भी है जो डेढ़ से ढाई हजार रुपये ही चुनाव प्रचार में खर्च किए हैं।
किस प्रत्याशी ने कितनी राशि खर्च की (30 अप्रैल तक) जमानत राशि छोड़कर
बृजमोहन अग्रवाल – 22 लाख 22 हजार 774
विकास उपाध्याय – 12 लाख 41 हजार 688
ममता रानी साहू – 49 हजार 771
अनिल महोबिया – 8 हजार 895
मो. अमिन – 14 हजार 660
आशीष कुमार तिवारी – 2 हजार 629
दयाशंकर निषाद – 70 हजार 635
निरज सैनी- 41 हजार 429
हीरानंद नागवानी- 11 हजार 630
नंदिनी नायक – 18 हजार 320
प्रवीण जैन- 6 हजार 200
बोधनलाल फरिकार- 7 हजार 100
रोहित कुमार पाटिल- 23 हजार 32
रामकृष्ण वर्मा- 1 हजार 860
विनायक धमगाये- शून्य