रायगढ़। शहर के वार्ड क्रमांक 25 में नगर निगम ने सामुदायिक भवन का वर्क आर्डर जारी कर काम शुरू करवाया है। उक्त जमीन का विवाद एसडीएम न्यायालय में लंबित है और कुछ लोगों का विरोध भी है। जिससे वार्ड पार्षद और निगम की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।
किसी भी सरकारी निर्माण के लिए पहली शर्त होती है कि जिस भूमि पर निर्माण किया जाना है। वह पूर्ण रूप से गैर विवादित हो, ताकि उस पर काम शुरू किया जाए तो किसी तरह का न्यायालयीन विवाद या लोगों का असंतोष ना हो लेकिन शहर में विकास की गंगा बहाने के चक्कर में जनप्रतिनिधि हड़बड़ी कर रहे हैं। वार्ड क्रमांक 25 के लोगों की शिकायत सुनें तो यही लगता है। नाम नहीं छापने की शर्त पर मोहल्ले के लोगों ने बताया कि वार्ड क्रमांग 25 में सामुदायिक भवन के लिए 20 लाख स्वीकृत किए गए हैं। इसके लिए निगम ने वर्क आर्डर भी जारी कर दिया है लेकिन उक्त जमीन को लेकर न्यायालयीन विवाद जारी है। एक महिला इस जमीन पर करीब दो दशक से काबिज है और वह नजूल के कुछ कागजात दिखाकर इसे अपना होने का दावा कर रही है। वर्तमान में इसका एसडीएम न्यायालय में वाद भी लंबित है लेकिन आदेश आने से पहले ही इसी जमीन पर सामुदायिक भवन बनाने की तैयारी है। लोगों का आरोप है कि सामुदायिक भवन गांधी नगर वार्ड में होना था लेकिन वार्ड पार्षद ने कौहाकुंडा में उक्त विवादित जमीन पर ही सामुदायिक भवन बनाने की मांग रख दी और अफसरों ने भी इस पर ज्यादा दिमाग लगाने की जगह हामी भर दी। जिससे इलाके में कुछ लोगों में सामुदायिक भवन को लेकर अंसतोष है।