हर पंचायत में QR कोड, पारदर्शी व्यवस्था
पंचायत भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर यूपीआई आधारित QR कोड लगाए गए हैं, जिससे ग्रामीण घर बैठे टैक्स जमा कर सकते हैं। इससे न केवल भुगतान प्रक्रिया आसान हुई है, बल्कि पारदर्शिता और लेखा प्रबंधन में भी सुधार आया है। तत्कालीन कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने 12 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री अवॉर्ड स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष इस नवाचार की प्रस्तुति दी थी। उन्होंने बताया कि डिजिटल टैक्स कलेक्शन में बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 117% की वृद्धि दर्ज की गई है। कई पंचायतों में टैक्स वसूली पहले से दोगुनी हो चुकी है।
आदिवासी क्षेत्रों में भी डिजिटल क्रांति:
रायगढ़ के 7 ब्लॉकों में से 5 आदिवासी बहुल हैं और इन क्षेत्रों में भी यह प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। खास बात यह है कि 330 पीवीटीजी बिरहोर परिवारों ने भी यूपीआई के जरिए टैक्स देना शुरू कर दिया है, जिसे डिजिटल समावेशन की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
ग्राम सभाओं में बढ़ी सहभागिता:
डिजिटल भुगतान प्रणाली लागू होने के बाद ग्राम सभाओं में सहभागिता में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। तीन पंचायतों में हुए विश्लेषण में पाया गया कि ग्राम सभा में लोगों की उपस्थिति में 57% तक का इजाफा हुआ है, जिससे स्पष्ट है कि ग्रामीणजन अब पंचायत व्यवस्था में अधिक रुचि ले रहे हैं।