नईदिल्ली। दिमीर पुतिन पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. पुतिन के सामने खड़े तीनों उम्मीदवार को पुतिन ने भारी अंतर से मात दे दी है. शुरुआती रुझानों के मुताबिक पुतिन को करीब 88 फीसद वोट मिले हैं. पुतिन को पिछले 25 सालों से कोई हरा नहीं पाया है, जिसने भी रूस में पुतिन के खिलाफ आवाज उठाई है उसको भयानक सजा का भी सामना करना पड़ा है. रूस के चुनाव में धांधली के आरोप लगना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार पुतिन प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लग रहे है. दुनिया ही नहीं रूस के अंदर भी कई लोग खोलकर चुनाव में धांधली के खिलाफ बोल रहे हैं. रूस के प्रमुख विपक्ष नेता एलेक्सी नवलनी के खास सहयोगी ने अब चुनाव परिणामों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
चुनावी परिणमों को किया खारिज
रूस के दिवंगत विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी के मुख्य सहयोगी ने रविवार को रूस के आधिकारिक चुनाव नतीजों में राष्ट्रपति पुतिन को भारी वोट मिलने को खारिज कर दिया है. नवलनी के पूर्व चीफ लियोनिद वोल्कोव ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा, “पुतिन के लिए बताए गए वोटिंग परसेंटेज का रिएलिटी से बिल्कुल वास्ता नहीं है.”
वोटिंग के दौरान हुआ था विरोध
रूस में मतदान वाले दिनों में भी कई लोगों ने पुतिन के खिलाफ प्रोटेस्ट किया था. “नून अगेंस्ट पुतिन” के नाम से चलाए गए एक कैंपेन में लोगों ने मतदान केंद्र के पास पहुंच कर पुतिन को वोट न देने के लिए लोगों से आग्रह किया. इसके अलावा कई लोग एलेक्सी नवलनी की आखरी इच्छा “रूस पुतिन के बिना” को भी दोहराते नजर आए.
वोट डालने के लिए लोगों पर बनाया दबाव
पुतिन अलोचकों के मुताबिक रूस में कर्मचारियों और छात्रों पर प्रशासन द्वारा पुतिन को वोट करने का दबाव बनाया गया है. उनका कहना है, रूस जंग के हालातों से गुजर रहा है ऐसे में वहां चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करने के लिए भी कोई नहीं है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि यूक्रेन से युद्ध में जीते गए इलाकों में भी सेना ने दबाव बनाकर वोटिंग करवाई है.