Pt. Ravishankar Shukla University: बैठक में समय को लेकर भिड़े प्राचार्य, कहा- क्या रात तक पर्चे ही लेते रहें

रायपुर। Pt. Ravishankar Shukla University द्वारा शुक्रवार को प्राचार्यों की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक एक मार्च से होने वाली वार्षिक परीक्षा और मूल्यांकन कार्य को लेकर आयोजित की गई थी। ऑनलाइन मोड में आयोजित इस बैठक में प्राचार्य वार्षिक परीक्षा के समय को लेकर दो फाड़ हो गए। रविवि ने कुछ दिनों पूर्व ही वार्षिक परीक्षा के समय में बदलाव किया है। इसे लेकर कुछ कुछ प्राचार्यों से आपत्ति जताई तो वहीं कुछ प्राचार्य इस निर्णय से असहमत दिखे।
Pt. Ravishankar Shukla University : रविवि द्वारा पूर्व में जारी समय-सारिणी के अनुसार, प्रथम पाली की परीक्षा सुबह 8 से 11 बजे तक तथा द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक आयोजित की जानी थी। बाद में इसमें बदलाव करते हुए प्रथम पाली की परीक्षा प्रातः 7 से 10 बजे तक तथा द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर 3 से 6 बजे तक आयोजित कराने का निर्णय लिया गया। 10 से 3 बजे तक किसी भी तरह की परीक्षा आयोजित नहीं करवाने का निर्णय लिया गया, ताकि इस बीच प्रथम सेमेस्टर की कक्षाओं का संचालन किया जा सके। बैठक में प्राचार्यों के एक वर्ग का कहना था कि नए समय में परीक्षा देर शाम समाप्त होगी। इसके कारण उत्तरपुस्तिकाओं के बंडल तैयार करने सहित अन्य कार्यों में रात हो जाएगी। वहीं एक वर्ग ने कहा कि नई समय-सारिणी के कारण प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं आयोजित करने पर्याप्त समय मिल सकेगा।
परीक्षा कार्य में दोगुना खर्च
Pt. Ravishankar Shukla University: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत वार्षिक परीक्षा पद्धति को समाप्त कर सेमेस्टर परीक्षा पद्धति लागू कर दी गई है। इस कारण महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों को सैद्धांतिक परीक्षाओं सहित प्रायोगिक परीक्षाएं भी वर्ष में दो बार आयोजित करानी पड़ रही है। परीक्षाएं दो बार होने के कारण परीक्षा कार्य में होने वाला खर्च भी दोगुना हो गया है। रविवि द्वारा परीक्षा में खर्च होने वाली राशि महाविद्यालयों को प्रदान की जाती है। कॉलेजों ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए एडवांस में पैसे देने की मांग की।
मोबाइल पर सख्ती
Pt. Ravishankar Shukla University: नकल सामग्री के रूप में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में मोबाइल छात्रों से जब्त किए जाते हैं। मोबाइल जब्त करने के बाद रविवि के पास सिफारिशों की बाढ़ आ जाती है। इसमें मोबाइल में अध्ययन सामग्री होने, संपर्क नंबर होने, निजी जानकारी होने सहित कई तरह की परेशानियां छात्रों द्वारा गिनाई जाती है। नकल प्रकरण का निराकरण होने के बाद ही जब्त सामग्री लौटाए जाने का प्रावधान है। ऐसे में रविवि द्वारा बैठक में प्राचायों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सख्ती के साथ प्रवेश के वक्त छात्रों की जांच करें ताकि नकल सामग्री के रूप में छात्र इसका इस्तेमाल ना कर सकें। परीक्षा और मूल्यांकन कार्य संबंधित अन्य बिंदुओं पर भी इस दौरान चर्चा हुई।