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भरोसा सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहली बार बस्तर आ रहीं प्रियंका गाँधी वाड्रा

जगदलपुर : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा 13 अप्रैल को भरोसा सम्मेलन में शामिल होने के चलते पहली बार बस्तर आ रही हैं। इस कार्यक्रम में देश प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी भी बड़ी संख्या में शामिल होंगे| मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस के लिए मजबूत गढ़ के रूप में उभर रहे छत्तीसगढ़ के साथ दो अन्य राज्यों, मध्य प्रदेश और राजस्थान में नवंबर-दिसंबर महीने में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

उक्त दोनों राज्यों में भाजपा से कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। ऐसे में अगर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में दमदार वापसी करने में सफल रहीं तो उसका श्रेय भी प्रियंका को जाएगा। इस तरह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के पूर्व राष्ट्रीय स्तर पर उनकी छवि चमकाने का दारोमदार मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ पर ही होगा।

तीन राज्यों के विस चुनाव की दी जा सकती है कमान

बदली परिस्थितियों में प्रियंका को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा बनाने की तैयारी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की तो उसका श्रेय प्रियंका को जाएगा और इससे राष्ट्रीय स्तर पर उनकी छवि चमकाने में मदद मिलेगी।

प्रियंका बस्तर की बस्तर सभा का नाम भरोसे का सम्मेलन दिया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि फरवरी महीने में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन अवसर पर भी प्रियंका ने ही रायपुर में सभा की। रायपुर में होने के बाद भी राहुल गांधी और सोनिया गांधी उक्त सभा में शामिल नहीं हुए थे। तभी इसका संकेत मिल गया था कि प्रियंका ही छत्तीसगढ़ में चुनाव अभियान का नेतृत्व करेंगी।

प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन करेंगी प्रियंका

प्रियंका चुनावी सभा के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक भी करेंगी। उसमें बस्तर से लेकर सरगुजा तक के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को आमंत्रित किया गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसी को भी मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया था। पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ी और तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया गया।

कांग्रेस ने दो कार्यकारी अध्यक्ष डा. शिव डहरिया और रामदयाल उइके के साथ तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, डा चरणदास महंत और ताम्रध्वज साहू को उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों में जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति पर प्रियंका की बैठक के बाद ही निर्णय होगा। सूत्रों की मानें तो एक महीने में पार्टी दो कार्यकारी अध्यक्षों की भी घोषणा करने जा रही है।

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