सीहोर : सीहोर जिले के आष्टा में मनोज परमार और उनकी पत्नी द्वारा खुदकुशी किए जाने के मामले को कांग्रेस मुद्दा बनाएगी। पार्टी सड़क से लेकर विधानसभा तक में इस मुद्दे पर ईडी और भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है।
कांग्रेस का आरोप है कि परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था, क्योंकि मनोज के बच्चों ने राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर ईडी के सहायक संचालक (भोपाल) संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी।
मध्य प्रदेश कांग्रेस इस तैयारी में भी है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सीहोर बुलाया जाए ताकि ईडी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जा सके।
राहुल गांधी को लिखा- ‘ईडी परेशान कर रही है, अब मेरे बच्चों की जिम्मेदारी आप पर है’
मध्य प्रदेश के सनावद (खरगोन) में 26 नवंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के पिता मनोज परमार और माता नेहा ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली।
सीहोर के आष्टा निवासी मनोज कांग्रेस नेता और कारोबारी थे। पांच दिसंबर को ईडी ने ऋण के रुपयों का दुरुपयोग करने के केस में उनके घर-दफ्तर पर छापा मारा था। घटनास्थल से छह पेज का टाइप किया हुआ सुसाइड नोट मिला है।
इसमें मनोज ने ईडी से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने की बात लिखी है। घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने ईडी पर प्रताड़ना के आरोप दोहराए। उधर, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मनोज और नेहा के फांसी पर लटके शव घर में शुक्रवार सुबह स्वजन ने देखे।
बच्चों को भाजपा ज्वाइन कराने का दबाव
पुलिस ने वहां से सुसाइड नोट बरामद किया। यह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, गृह मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मीडिया संगठनों, कांग्रेस की राष्ट्रीय और राज्य इकाइयों को संबोधित कर लिखा गया है। इसमें मनोज ने ईडी पर प्रताड़ित करने का कथित आरोप लगाते हुए लिखा है ‘ईडी अधिकारी कह रहे थे अपने बच्चों को भाजपा ज्वाइन करा दो, उनसे राहुल गांधी के विरुद्ध वीडियो डलवाओ तो बच जाओगे।’
मनोज ने आगे लिखा है कि मेरा कांग्रेस के नेताओं, खासकर राहुल गांधी से निवेदन है कि कांग्रेस का प्रचार करने के कारण ईडी परेशान कर रही है, मुझे आत्महत्या करनी पड़ रही है। इन बच्चों की जिम्मेदारी अब आप पर है।
ऋण लेने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप
मनोज परमार ने वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम व मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत सर्विस सेंटर, रेडिमेड कपड़े की फैक्टरी लगाने के नाम पर बैंक से छह करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण लिया था। आरोप है कि मनोज ने छह महीने के भीतर 18 ऋण लिए। इनमें फर्जी दस्तावेज का उपयोग किया गया था। इस मामले में सीबीआइ भी जांच कर चुकी है। इस केस में मनोज की गिरफ्तारी भी हुई थी।
सीबीआई की चार्जशीट पर ईडी को मिला केस
सीबीआई ने भोपाल की विशेष अदालत में जो चार्जशीट दायर की थी, उसी के आधार पर ईडी ने नया केस दर्ज किया था। पता चला कि ऋण के तौर पर लिया गया छह करोड़ रुपया विभिन्न स्वामित्व प्रतिष्ठानों और फर्मों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
इसके बाद संपत्तियों में निवेश के उद्देश्य से नकदी के रूप में निकाल लिया गया था। इस घटना के बाद ईडी सीहोर और भोपाल में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर पुलिस बल की मांग कर रही थी। ईडी को लग रहा था कि कांग्रेस मामले को लेकर सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन कर सकती है।
स्वजन ने कही दबाव की बात
मनोज परमार के तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी जिया (18), बेटा जतिन (16) और यश (13)। बड़े बेटे जतिन परमार ने कहा कि ईडी अधिकारियों ने मानसिक रूप से दबाव बनाया था। इस कारण माता-पिता ने आत्महत्या कर ली। मनोज के भाई राजेश परमार ने भी यही आरोप दोहराए। सीहोर के एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि अब स्वजन के बयान लिए जाएंगे।