Popcorn: पॉपकॉर्न हर किसी का फेवरेट है. पहले जैसे मूंगफली को टाइम पास कहा जाता है, वैसे आज पॉपकॉर्न को कहा जाता है. मल्टीप्लेक्स, मॉल में तो यह स्नैक्स बहुत पॉपुलर है. डिफरेंट फ्लेवर में उपलब्ध है. बच्चे और यूथ इसके खासे दीवाने हैं. न्यू पेरेंट्स अक्सर बच्चों को टाइम पास स्नैक्स के तौर पर पॉपकॉर्न देते हैं. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 5 साल की कम उम्र के बच्चों की सेहत के लिए यह हानिकारक है.
पॉपकॉर्न की बनावट की वजह से बच्चों को घुटन का खतरा बना रहता है. पॉपकॉर्न की वजह से बच्चों में पाचन संबंधी समस्या और एलर्जी की समस्या भी देखी गई है.आज हम आपको बताएँगे की छोटे बच्चों को क्यों नहीं देना चाहिए पॉपकॉर्न.
बन सकती है दम घुटने जैसी स्थिति
5 साल से कम आयुवर्ग के बच्चों के गले की संरचना पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती है. वे ठीक से चबा भी नहीं पाते हैं. इसके चलते पॉपकॉर्न का छोटा टुकड़ा भी उनके गले में फंस सकता है. इससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. खांसी हो सकती है. श्वांस नली में दर्द उठ सकता है. इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
एलर्जी रिस्क
पॉपकॉर्न मक्के से बनता. कुछ बच्चों को मक्के का सेवन करने से खुजली, पेट दर्द, उल्टी या सांस लेने में कठिनाई महसूस हो सकती है. 5 साल की उम्र तक बच्चे का शरीर संवेदनशील होता है, इसलिए कोशिश करें कि उन्हें पॉपकॉर्न न दें.
डायजेस्टिव प्रॉब्लम
मक्के में हाई फाइबर होता है, इससे पॉपकॉर्न बनता है. अगर, बच्चा लगातार पॉपकॉर्न खा रहा है तो इसका असर सीधे उनके पाचन तंत्र पर पड़ता है. इससे पेट दर्द, गैस और कब्ज परेशानी हो सकती हैं. बच्चों की सेहत को मद्देनजर रखते हुए पॉपकॉर्न न दें. दें तो बहुत कम मात्रा में दें और अपने सामने खिलाएं.
किडनी प्रॉब्लम का कारण
मार्केट में उपलब्ध पॉपकॉर्न भले ही वह ब्रांडेड कंपनियों का ही क्यों न हो, इसमें कई प्रकार के मसाले, बटर और नमक का इस्तेमाल होता है. 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा नमक किडनी पर अतिरिक्त दबाव डालता है. इसके कारण बच्चों को किडनी संबंधी परेशानियां हो सकती हैं. इसलिए बच्चों के खान-पान में बड़ी सावधानी बरतें.