वाशिंगटन : नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जो वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष से हवा की गुणवत्ता का निरीक्षण करने के तरीके में सुधार करेगा। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी ने एलन मस्क के सहयोग से सात अप्रैल को टेम्पो या ट्रोपोस्फेरिक एमिशन मॉनिटरिंग ऑफ पॉल्यूशन इंस्ट्रूमेंट नामक एक वायु-गुणवत्ता मॉनिटर लॉन्च किया।
तीन प्रमुख प्रदूषकों पर नजर
नासा ने बताया कि नासा-स्मिथसोनियन इंस्ट्रूमेंट टेम्पो पहला अंतरिक्ष-आधारित उपकरण है, जो चार वर्ग मील तक प्रमुख वायु प्रदूषकों की हर एक घंटे में निगरानी करेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्वीटर पर पोस्ट कर कहा कि दक्षिण अमेरिका के दिन की वायु गुणवत्ता की टेम्पो हर घंटे की रिपोर्ट देगा। यह तीन मुख्य प्रदूषकों की निगरानी करेगा और शहर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर चेताता रहेगा।
खास तरह के लगे हैं यंत्र
जानकारी के अनुसार, टेम्पो में खास तरह के यंत्र लगे हैं, जो दिन में यानी रोशनी में हर घंटे उत्तरी अमेरिका के ऊपर से गुजरेगा। यह हर बार 10 वर्ग किलोमीटर के इलाके में वायु प्रदूषण के स्तर का आंकड़ा रिकॉर्ड करेगा। इसकी रेंज अटलांटिक महासागर से प्रशांत महासागर और मध्य कनाडा से मेक्सिको सिटी तक होगी। यह एक बड़े वॉशिंग मशीन के आकार का यंत्र है, जिसे बॉल एयरोस्पेस ने बनाया है। इसे मैक्सार द्वारा निर्मित इंटेलसैट 40ई सैटेलाइट के साथ जियोस्टेशनरी कक्षा में लॉन्च किया गया।
क्या है जियोस्टेशनरी कक्षा
हार्वर्ड एंड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के एक वायुमंडलीय भौतिक विज्ञानी कैरोलिन नोवलन के अनुसार जियोस्टेशनरी ऑर्बिट एक सामान्य कक्षा है, जो मौसम और संचार उपग्रह के लिए जानी जाती है। हालांकि अभी तक गैसों को मापने वाला एक वायु गुणवत्ता उपकरण नहीं था। मौजूदा प्रदूषण-निगरानी उपग्रह पृथ्वी की निचली कक्षा में हैं। इसका अर्थ है कि वे एक निश्चित समय पर दिन में केवल एक बार ही जानकारी प्रदान कर सकता है। नोवलन ने कहा कि टेम्पो के बारे में एक अच्छी बात यह है कि दिन के हर घंटे की जानकारी देना।
पूरी दुनिया में गंदी हवा से बचने का प्रयास
पिछले 30 वर्षों से गंदी हवा को साफ करने का प्रयास पूरी दुनिया में चल रहा है। बड़ी फैक्ट्रियों और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं लोगों की सेहत बिगाड़ रहा रहा। अमेरिका में वायु गुणवत्ता सूचकांक में लगातार बेहतरी आई है, लेकिन अब भी अधिकतर आबादी खराब हवा में सांस लेती हैं।