सुकमा : पुलिस द्वारा चलाये जा रहे पूना नकम अभियान के तहत सुकमा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। इस नक्सल उन्मूलन अभियान के अनुक्रम में थाना कुकानार क्षेत्र के जंगल पहाड़ी में नक्सलियों द्वारा भारी मात्रा में विस्फोटक बनाने की सूचना मिलने पर जिलाबल व डीआरजी की संयुक्त पार्टी जिला सुकमा व जिला दंतेवाड़ा के सीमावर्ती ग्राम कुल्ना के कांवडपारा व पेदापारा के जंगल पहाड़ी की ओर नक्सल सर्चिंग के लिए रवाना हुई थी।
बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे नक्सली
अभियान के दौरान ग्राम कुन्ना के जंगल-पहाड़ी के पास कुछ संदिग्ध व्यक्ति पुलिस पार्टी को आते हुये देख छुपने की कोशिश करने लगे, जिन्हें पुलिस पार्टी द्वारा घेराबंदी कर पकड़ा गया। संदेहियों से भागने का कारण पूछने पर संतोषजनक उत्तर नहीं दिये जिनसे कड़ाई से पूछताछ करने पर अपना नाम मुचाकी सुखराम उर्फ हड़मा पिता महादेव उम्र 28 वर्ष, माड़वी कोसा पिता मासा उम्र 30 वर्ष दोनों निवासी ग्राम कॉलेगडब्बा थाना कटेकल्याण जिला दंतेवाड़ा का होना बताया। प्रतिबंधित नक्सली संगठन में कटेकल्याण एरिया कमेटी अंतर्गत मुचाकी सुखराम एलओएस सदस्य ( ईनामी 01 लाख रूपये छ0ग0 शासन द्वारा) एवं माड़वी कोसा मिलिशिया कमाण्डर ( ईनामी 01 लाख रूपये छ0ग0 शासन द्वारा) के पद पर कार्य करना बताया।
भारी मात्रा में विष्फोटक व अन्य सामान बरामद
नक्सल संगठन में कार्य करना बताये जाने से गहन पूछताछ किया गया। पुछताछ के आधार पर उनके निशानदेही पर 01 नग टिफिन बम (आईईडी) लगभग 08-10 किलोग्राम, 12 नग इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 01 नग इलेक्ट्रिक मल्टीमीटर लगभग 60 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, बैटरी, इलेक्ट्रिक वायर, स्वीच फटाका जूता, 01 नग काला पिट्टू बैग, 03 नग इंजेक्शन, दवाईया, नक्सली साहित्य एवं अन्य दैनिक उपयोगी सामान बरामद किया गया।
बड़े नक्सली लीडर के निर्देश कर कर रहे थे काम
बरामद उक्त विस्फोटक सामाग्री के बारे में पूछताछ करने पर दोनों ने बताया कि इन सामानों को बड़े नक्सली लीडर जगदीश, मड़कम सोमड़, हेमला भीमा, जयलाल, प्रदीप के कहने पर पुलिस को नुकसान पहुंचाने की नीयत से पुलिस के आने जाने वाले रास्ते में आईईडी प्लांट करने के मकसद से उपयोग में लाया जाता है। आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर उक्त कृत्य विधि के विरुद्ध पाये जाने सेदोनों नक्सलियों के विरुद्ध थाना कुकानार में अपराध क्रमांक 04/2023 धारा 34 भादवि 4, 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही करते हुए न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल दाखिला किया गया।