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बेहतर रिटर्न से अमीरों की पसंद बना पीएमएस, अगले पांच साल में 75 फीसदी पहुंच जाएगी देश में HNI की संख्या

नई दिल्ली : बहुत सारे बुटीक पोर्टफोलियो के मैनेजर मार्केट में आ गए हैं। एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) के पास भी पीएमएस के ऑफर्स होते हैं, लेकिन कुछ में पर्सनल टच नहीं होता है। 2022 काफी उतार-चढ़ावा वाला वर्ष रहा है। इस दौरान उच्च महंगाई, बढ़ती ब्याज दरों, रूस-यूक्रेन संकट और मंदी की आशंकाओं के कारण दुनियाभर के बाजारों में गिरावट आई।

दूसरी ओर, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल में पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (पीएमएस) रणनीति ने निवेशकों को बेहद उत्साहजनक परिणाम दिलाया। एएमसी के लिए जिस फैक्टर ने काम किया, वह बिजनेस-मैनेजमेंट-वैल्यूएशन (बीएमवी) ट्रायड है। बीएमवी फ्रेमवर्क मजबूत बिजनेस मॉडल, क्वालिटी मैनेजमेंट और उचित मूल्यांकन वाली कंपनियों को चुनने के बारे में है। ऐसे उत्पाद का उद्देश्य वैसे निवेश आइडियाज की पहचान करना है, जो अभी तक पूरी तरह से खोजे नहीं गए हैं।

आईटी शेयरों पर कम फोकस

पीएमएस पोर्टफोलियो ने 2022 में अपने समृद्ध मूल्यांकन के कारण आईटी शेयरों पर कम फोकस किया। भले ही, आईटी कंपनियों के पास अच्छा व्यवसाय और गुणवत्ता वाला प्रबंधन हो। आरामदायक हमेशा लाभदायक नहीं होता। एक अच्छे व्यवसाय का हमेशा यह मतलब नहीं होता है कि यह एक बेहतर निवेश अवसर है। अच्छे कारोबार अक्सर सस्ते नहीं आते हैं। सही कंपनियों की पहचान करते समय बाजार के रुझान का पालन करने से बचना महत्वपूर्ण हो जाता है।

दुनिया में बहुतेरे परिवर्तन

दुनिया में बहुतेरे परिवर्तन दिख रहे हैं। चीन दुनिया की फैक्टरी नहीं रहा। वैश्विक कंपनियां चीन के विकल्प की तलाश में हैं, जिसे चीन+1 स्ट्रैटजी के रूप में जाना जाता है। यहां मेक इन इंडिया पहल के जरिये भारत बड़ा लाभार्थी है। यह ऐसे समय में हो रहा है, जब विनिर्माण व जुड़ी कंपनियों ने पिछले एक दशक में खराब प्रदर्शन किया है।

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