इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को नेशनल असेंबली में विश्वासमत हासिल कर लिया। सरकार और शीर्ष न्यायपालिका में बढ़ते टकराव के बीच 180 सांसदों ने शरीफ सरकार पर भरोसा जताया। यह आंकड़ा पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को देखते हुए चौंकाने वाले हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने प्रस्ताव किया कि नेशनल असेंबली प्रधानमंत्री शरीफ के नेतृत्व के प्रति अपना पूरा विश्वास जताती है। प्रस्ताव को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 180 सांसदों का समर्थन मिला। पिछले साल अप्रैल में जब शरीफ प्रधानमंत्री चुने गए थे, तब उन्हें 174 सांसदों का समर्थन हासिल था।
पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में चुनाव कराने के लिए पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को धन मुहैया कराने की खातिर सरकार द्वारा पेश किए गए धन विधेयक को नेशनल असेंबली द्वारा खारिज किए जाने के बाद शरीफ के नए सिरे से विश्वास मत हासिल करने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
दूसरी ओर पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने सरकार के इस दावे को खारिज कर दिया कि उनकी जान को विदेशी एजेंसियों से खतरा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने देश के भीतर कुल छह लोगों के नाम उजागर किए हैं, जिन्होंने उन्हें मारने की साजिश रची। इमरान ने गुरुवार को कहा कि छह में से तीन वे हैं जिनका जिक्र मैंने पिछले साल नवंबर में पंजाब में मेरी हत्या के प्रयास के बाद प्राथमिकी में किया था।
लाहौर से करीब 150 किलोमीटर दूर वजीराबाद इलाके में अपनी रैली पर बंदूक से हमला करने के बाद इमरान खान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के शीर्ष अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर को साजिश रचने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, इमरान तीन अन्य नामों का खुलासा नहीं किया है।