इस्लामाबाद : जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर) बिल, 2023 को अहस्ताक्षरित लौटाने के लिए राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की आलोचना की और उन्हें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का कार्यकर्ता बताया।
राष्ट्रपति द्वारा विधेयक को विधायिका को लौटाने के घंटों बाद प्रधानमंत्री ने एक कड़े ट्वीट में कहा, ‘राष्ट्रपति अल्वी ने संसद द्वारा विधिवत पारित उच्चतम न्यायालय के विधेयक को लौटाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है।’
विधेयक का उद्देश्य मुख्य न्यायाधीश की शक्तियों को कम करना है – जिसमें स्वप्रेरणा और पीठों का गठन शामिल है। पीटीआई ने कानून पारित करने के कदम की कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह ‘न्यायपालिका पर हमला’ है।
राष्ट्रपति ने अपने कार्यों के माध्यम से अपने कार्यालय को दिखाया नीचा
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने कार्यों के माध्यम से अपने कार्यालय को नीचा दिखाया है क्योंकि वह “संविधान और अपने कार्यालय की मांगों से अधिक इमरान नियाज़ी के प्रति समर्पित हैं।”
बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने मुख्य न्यायाधीश की शक्तियों में कटौती करने के उद्देश्य से लाए गए विधेयक को पुनर्विचार के लिए संसद को लौटा दिया है। राष्ट्रपति के इस कदम के बाद शनिवार को देश में न्यायिक संकट और बढ़ गया।
न्यायपालिका और सरकार के बीच दरार बढ़ी
राष्ट्रपति ने कहा है कि प्रस्तावित कानून विधायी निकाय के क्षेत्राधिकार से बाहर है। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ द्वारा पंजाब असेंबली के चुनाव की नई तिथि 14 मई निर्धारित किए जाने के बाद से पाकिस्तान में न्यायपालिका और सरकार के बीच दरार बढ़ गई है।