रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इंटर स्टेट कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित किया. शाह ने कहा, छत्तीसगढ़ समेत देश को 2026 तक नक्सल समस्या से मुक्त कर लेंगे. वामपंथी उग्रवाद की वजह से को लोग निरक्षर रह गए हैं उन्हें साक्षर बनाने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पहल करेगी. एनआईए की तर्ज पर एसआईए बनाएंगे. राज्य सरकार जल्द नई सरेंडर पॉलिसी की घोषणा करेगी.
अमित शाह ने कहा, छत्तीसगढ़ की बहुत पुरानी नक्सलवाद की समस्या और नक्सल प्रभावित ज़िलों में भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की योजना का सैचुरेशन, विकास योजनाओं की प्रगति और सामने आ रही अड़चनों पर बैठक ली है.
छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या की समीक्षा करते है तो पड़ोसी राज्यों का समन्वय ज़रूरी है. नक्सल वाद के ख़िलाफ़ रूथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार करने का वक़्त आ गया है. हमारा मानना है कि वामपंथी उग्रवाद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. पिछले चालीस सालों में क़रीब 17 हजार लोगों की जान गई है. जब से केंद्र में मोदी सरकार बनी इस समस्या को चैलेंज के रूप में स्वीकार किया. जिनके हाथ में हथियार है उनके हाथ से हथियार छुड़ाना और जो नहीं छोड़ रहे है उन्हें इंगेज करने की दिशा में काम किया गया. इसके साथ ही वामपंथ उग्रवाद क्षेत्र का विकास करना भी प्राथमिकता रही है. कई एचीवमेंट रहा है. 2022 में चार दशकों में मृत्यु का प्रतिशत सबसे कम रहा. टॉप 14 नक्सली लीडर को न्यूट्रालाइज किया गया.
हमने दो उद्देश्यों को लेकर काम किया. पहला नक्सल क्षेत्रों में रूल ऑफ़ ला को इस्टेब्लिश करना और दूसरा उन इलाक़ों को विकसित करना.
बिहार, झारखंड, ओड़िशा, मध्य प्रदेश और कुछ हद तक महाराष्ट्र नक्सल समस्या से मुक्त हुआ है. 2004 से 2014 तक 16 हज़ार घटनाएँ हुई थी और 2014 के बाद से अब तक क़रीब 7 हज़ार घटनाएँ हुई है. क़रीब 53 फ़ीसदी की कमी आई है. नागरिक सुरक्षा में 79 फ़ीसदी का आँकड़ा रहा है. 2010 में 96 नक्सल प्रभावित ज़िले थे. आज यह क़रीब 42 पर आ गये हैं. थानों की संख्या 171 तक सीमित हुई है. 2019 से अब तक सीएपीए के दो सौ से ज़्यादा कैंप बनाए गए. वामपंथ उग्रवाद के फ़ाइनेशियल सिस्टम पर करारा प्रहार किया गया है. इसमें ईडी की भी बड़ी भूमिका रही है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा को धन्यवाद देता हूँ कि नक्सल मामले में बड़ी कामयाबी मिली है. बड़ी संख्या में नक्सली न्यूट्रालाइज किया गया. नये कैंप खुले. हिड्मा के गांव में जाकर डिप्टी सीएम ग्रामीणों को आधार कार्ड देता है तो यह सब देखकर दिल्ली में हमे सुकून मिलता है.
सुकमा के छह गाँवों में आज़ादी के बाद पहली बार आदिवासियों ने मतदान का इस्तेमाल किया है. आज सुरक्षा बलों के जवाब सुरक्षा मुहैया कराने के साथ साथ क्षेत्र के विकास के लिए भी योगदान दे रहे हैं. बस्तर में 1500 से ज़्यादा मोबाइल टावर लगाकर कनेक्टिविटी देने का काम किया है. सड़कों की कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है. हर तीन किलोमीटर में एक डाकघर खोला गया है. बैंक,एटीएम जैसी सुविधाएँ पहली बार अंदूरूनी इलाक़ों में पहुँचा है. कौशल विकास के लिए आईटीआई खोले गये हैं. 164 एकलव्य विद्यालय खोले गये हैं.
वामपंथी उग्रवाद की वजह से को लोग निरक्षर रह गये हैं उन्हें साक्षर बनाने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पहल करेगी. एनआईए की तर्ज़ पर एसआईए बनायेंगे. नई सरेंडर पॉलिसी की घोषणा राज्य सरकार जल्द करेगी.