Site icon khabriram

मस्जिद में PFI की पाठशाला!: प्राचार्य निलंबित, छात्रों को लेकर पहुंचा था प्रिंसिपल, दी ये सफाई

पणजी। गोवा में एक प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल पर आरोप लगा है कि वह स्कूल के छात्रों को मस्जिद ले गया और वहां पर उनसे कथित धार्मिक गतिविधियां कराईं. यह मामला पुलिस के पास पहुंचा तो स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया. वहीं, राज्य के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने भी स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

सोमवार को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ थाने में एक शिकायत दर्ज कराई. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वीएचपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि मस्जिद में प्रतिबंधित संगठन पीएएफआई की ओर से एक वर्कशॉप आयोजित की गई थी. इसी वर्कशॉप में प्रिंसिपल छात्रों को अपने साथ ले गया था.

स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण की मांग
वहीं, इस मामले में एजुकेशन डायरेक्टर शैलेश ज़िंगडे ने बताया कि स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. वहीं, प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल छात्रों को शनिवार को मस्जिद ले गया था. सभी छात्र केशव स्मृति हायर सेकेंडरी स्कूल में 11वीं की पढ़ाई करते हैं.

स्कूल के प्रिंसिपल ने दी ये सफाई
वहीं, इस पूरे मामले पर स्कूल के प्रिंसिपल शंकर गांवकर की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (SIO) की ओर डाबोलिम के एक मस्जिद आने का निमंत्रण मिला था. इसके बाद 21 छात्रों को मस्जिद ले जाया गया था. किसी भी छात्रा को हिजाब पहनने पर मजबूर नहीं किया गया, कुछ लोग ऐसा कह रहे हैं, लेकिन ये सरासर गलत है.

शंकर गांवकर ने कहा कि ऐसी कोई ये पहली घटना नहीं है, पहले भी छात्रों को मंदिरों, मस्जिदों और चर्चों का दौरा कराया जाता था. स्कूल में सभी धर्मों के बच्चे पढ़ाई के लिए आते हैं. वहीं, इस पूरे मामले पर जमात-ए-इस्लामी हिंद के स्टेट प्रेसिंडेंट आसिफ हुसैन की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए मस्जिद-ए-नूर में छात्रों के लिए एक वर्कशाप आयोजित की गई थी. यहां अक्सर छात्र अपनी मर्जी से आए थे.

विहिप के कार्यकर्ताओं का आरोप
वहीं, इस मामले में दक्षिण गोवा के विहिप के संयुक्त सचिव संजू कोरगाओकर ने कहा कि कार्यशाला छोटे बच्चों का ब्रेनवॉश करने और धर्मांतरण के प्रयास की साजिश का हिस्सा थी. प्रिंसिपल ने छात्रों के माता-पिता को भी इसकी सूचना नहीं दी थी. दो छात्रों ने तो मस्जिद में जाने से इनकार भी किया था, लेकिन उन्हें जबरन ले जाया गया.

Exit mobile version