अमेरिका में खालिस्तानी समर्थकों के हमले के खिलाफ शांति रैली, भारतीय पत्रकार पर किया हमला

वाशिगठन : सान फ्रांसिस्को में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला करने की घटना के बाद बड़ी संख्या में भारतवंशी समुदाय के लोग दूतावास के सामने जुटे और शांति रैली निकाली। इस रैली में भारतीय-अमेरिकियों ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज भी लहराया और संदेश दिया कि एकजुटता के आगे अलगाववादियों की चल नहीं सकेगी।

खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पिछले रविवार सान फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर वहां तोड़फोड़ की थी। उन्होंने वाणिज्य दूतावास परिसर में दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिए थे। हालांकि, कर्मियों ने जल्द उन झंडों को हटा दिया था। घटना का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी सान फ्रांसिस्को पहुंचे और भारत के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए उन्होंने तिरंगा लहराया।

घटनाक्रम पर रख नजर रख रहे : कनाडा

कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बीच कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि कनाडा पंजाब के घटनाक्रमों पर काफी करीबी नजर रख रहा है। जोली ने कहा, हम पंजाब के घटनाक्रम से परिचित हैं और हम इस पर करीबी नजर रख रहे हैं। हम समुदाय के सदस्यों की चिंताओं को दूर करना जारी रखेंगे।

खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय पत्रकार पर किया हमला

वाशिंगटन स्थित भारतीय पत्रकार ललित झा पर वाशिंगटन, डीसी में खालिस्तान समर्थकों द्वारा शारीरिक रूप से हमला और मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया गया। वह शनिवार दोपहर भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थकों के विरोध-प्रदर्शन को कवर कर रहे थे।

झा ने रविवार को यूएस सीक्रेट सर्विस को अपनी रक्षा करने और काम करने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थकों ने उनके बाएं कान पर दो डंडे मारे। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर खालिस्तानी समर्थकों का एक वीडियो भी शेयर किया। झा ने रविवार को ट्वीट किया, मेरी दो दिन सुरक्षा करने और मेरो काम करने में मदद करने के लिए यूएस सीक्रेट सर्विस को धन्यवाद, अन्यथा मैं यह ट्वीट अस्पताल से लिख रहा होता। एक सज्जन ने मेरे बाएं कान के नीचे डंडों से दो बार वार किया। इस घटना ने मुझे मुझे 9/11 हमले की याद दिला दी और शारीरिक हमले के डर से मैं पुलिस वैन की तरफ सुरक्षा के लिए दौड़ा।

झा ने बताया, “एक समय मुझे इतना खतरा महसूस हुआ कि मैंने 911 पर कॉल किया। फिर मैंने सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों को देखा और उन्हें घटना के बारे में बताया।हालांकि, पत्रकार झा ने उनके साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है।

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